$a$ भुजा वाले एक वर्ग के केन्द्र से सीधे ऊपर $a/2$ दूरी पर एक बिन्दु आवेश $q$ रखा है। वर्ग से निर्गत वैद्युत अभिवाह (फ्लक्स) का मान है
$\frac{q}{{{\varepsilon _0}}}$
$\frac{q}{{\pi {\varepsilon _0}}}$
$\frac{q}{{4{\varepsilon _0}}}$
$\frac{q}{{6{\varepsilon _0}}}$
किसी क्षेत्र में विधुत क्षेत्र को इस प्रकार दर्शाया गया है- $\overrightarrow{ E }=\left(\frac{3}{5} E _{0} \hat{ i }+\frac{4}{5} E _{0} \hat{ j }\right) \frac{ N }{ C }$ है। $0.2\, m ^{2}$ क्षेत्रफल के आयताकार पष्ठ $\left( y - z\right.$ तल के समान्तर) और $0.3 \,m ^{2}$ के पष्ठ $( x - z$ तल के समान्तर $)$ से गुजरने वाले दिए गये क्षेत्र के फ्लक्स का अनुपात $a : b$ है। यहाँ $a =\ldots$ है। [यहाँ $\hat{ i }, \hat{ j }$ और $\hat{ k }$ क्रमशः $x , y$ और $z$-अक्ष के अनुदिश एकांक सदिश है]
धातु का बना एक ठोस गोला एक समांगी (Uniform) विद्युत क्षेत्र में रखा हुआ है। चित्र में दिखाई गई रेखाओं में से सही बल रेखा है
असत्य कथन छाँटिए :
$(a)$ गौसीय सतह में प्रवेश करने वाली विधुत बल रेखाएं ऋणात्मक फ्लक्स प्रदान करती है।
$(b)$ एक आवेश $'q'$ एक घन के केन्द्र पर रखा है। सभी फलको से निर्गत फ्लक्स समान होगा।
$(c)$ एक समान विधुत क्षेत्र में कोई आवेश न रखने वाली बन्द गौसीय सतह से निर्गत परिणामी फ्लक्स शून्य होता है।
$(d)$ जब विधुत क्षेत्र गौसीय सतह के समान्तर होती है, तो यह परिमित अशून्य फ्लक्स प्रदान करती है।
नीचे दिए गये विकल्पों में उपयुक्त उत्तर चुनिए :
एक खोखले बेलन के भीतर $q$ कूलॉम का आवेश स्थित है। यदि चित्रानुसार वक्र तल $B$ से सम्बद्ध वैधुत अभिवाह वोल्ट-मी मात्रकों में $\phi$ हो तो समतल तल $A$ से सम्बद्ध वोल्ट-मी मात्रकों में अभिवाह होगा-
$R$ त्रिज्या तथा $L$ लम्बाई के एक बेलन को एकसमान वैद्युत क्षेत्र $E$ के अनुदिश अक्ष में रखा गया है, तो बेलन के पृष्ठ से सम्पूर्ण फ्लक्स हेतु व्यंजक है