एक ग्रह सूर्य के चारों ओर दीर्घवृत्तीय कक्षा में घूमता है | यदि $T, V, E$ तथा $L$ इसकी गतिज ऊर्जा, गुरुत्व स्थितिज ऊर्जा, कुल ऊर्जा तथा कोणीय संवेग को प्रदर्शित करते हों, तो कौन सा कथन सत्य है ?
$T$ संरक्षित रहता है |
$V$ हमेशा धनात्मक होता है |
$L$ संरक्षित रहता है परन्तु सदिश $L$ की दिशा हमेशा बदलती रहती है |
$E$ हमेशा ऋणात्मक होता है |
सूर्य के चारों ओर दीर्घवत्तीय कक्षा में गमन करते द्रव्यमान $M$ के किसी ग्रह का कोणीय संवेग $\overrightarrow{ L }$ है। इस ग्रह के क्षेत्रीय वेग का परिमाण होगा।
एक उपग्रह $R$ त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में एक दिन में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है। एक अन्य उपग्रह वृत्तीय कक्षा में $8$ दिन में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है। द्वितीय उपग्रह की कक्षा की त्रिज्या होगी
एक ग्रह सूर्य के परितः एक चक्र पूर्ण करने में $200$ दिन लेता है। जब ग्रह की सूर्य से दूरी इसकी प्रारम्भिक दूरी की एक चौथाई एक घटा दी जाती है तब एक चक्र पूर्ण करने में यह कितने दिन लेगा ?
नेपच्यून एवं शनि की सूर्य से दूरियाँ क्रमश: ${10^{13}}$ एवं ${10^{12}}$ मीटर के लगभग हैं। माना कि ये वृत्तीय मार्ग में गति करते हैं तब उनके परिक्रमण कालों का अनुपात होगा
एक तुल्यकाली उपग्रह पृथ्वी तल से $6R$ ऊँचाई पर पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है, जहाँ $R$ पृथ्व की त्रिज्या है। एक अन्य उपग्रह का परिक्रमण काल क्या होगा जो पृथ्वी तल से $2.5R$ ऊँचाई पर चक्कर लगा रहा है