$m$ द्रव्यमान का एक कण प्रारंभ में विरामावस्था में हैं, इस पर एक परिवर्ती बल $F$ अल्प समय $T$ के लिए लगाया जाता है। जब बल कार्य करना बंद कर देता है, तब कण $u$ वेग से गति करता है। ग्राफ में बल $F$ व समय $t$ के बीच का संबंध प्रदर्शित है, जो कि एक अर्द्ववृत्त है। $u$ का मान है

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  • A

    $u = \frac{{\pi F_0^2}}{{2m}}$

  • B

    $u = \frac{{\pi {T^2}}}{{8m}}$

  • C

    $u = \frac{{\pi {F_0}T}}{{4m}}$

  • D

    $u = \frac{{{F_0}T}}{{2m}}$

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एक रेत-घड़ी (hour-glass) में लगभग $100$ रेत कण प्रति सेकण्ड की दर से विरामावस्था से नीचे गिरते हैं। एक रेत कण को रेत घड़ी के निचले तल पर पहुँचने में $2$ सेकण्ड लगता है। यदि रेत कण का औसत द्रव्यमान $0.2 \,g$ है, तव गिरते हुए रेत द्वारा रेत-घड़ी के निचले तल पर लगाए हुए वल का औसत मान निम्न के निकटतम होगा

  • [KVPY 2019]

एक ठोस क्षैतिज तल (solid horizontal surface) तेल की एक पतली परत (thin layer) से ढका (covered) हुआ है। द्रव्यमान (mass) $m=0.4 \ kg$ का एक आयताकार गुटका (rectangular block) इस तल पर विरामावस्था में है। $1.0 \ Ns$ परिमाण का एक आवेग (impulse) गुटके पर $t=0$ समय पर लगाया जाता है जिसके फलस्वरूप गुटका $x$-अक्ष ( $x$-axis) पर $v(t)=v_0 e^{-t / \tau}$ वेग से चलने लगता है, जहाँ $v_0$ एक स्थिर राशि है और $\tau=4 s$ है। समय $t=\tau$ पर, गुटके का विस्थापन (displacement) ......... मीटर है। $e^{-1}=0.37$ लें।

  • [IIT 2018]

$\mathrm{v}$ चाल से चल रही $100$ गेंदे, जिनमें प्रत्येक् का द्रव्यमान $\mathrm{m}$ है, ये एक दीवार से लम्बवत रूप से एक साथ टकराती है, एवं $t s$ समय में समान चाल से वापस उछलती है। गेंदों द्वारा दीवार पर लगाया गया कुल बल है:

  • [JEE MAIN 2023]

संवेग का सबसे निकट सम्बन्ध है

$3$ किग्रा द्रव्यमान की एक गेंद $60^o$ के कोण पर दीवार से टकराती है तथा उसी कोण से वापस लौटती है । यदि दीवार और गेंद का संपर्क समय $0.2$ सेकंड हो , तो गेंद द्वारा दीवार पर आरोपित बल है

  • [AIIMS 2013]