संवेग का सबसे निकट सम्बन्ध है
बल से
आवेग से
शक्ति से
गतिज ऊर्जा से
जल में तैरना सम्भव होने का कारण है
द्रव्यमान $m$ के एक कण की गति, $y =u t+\frac{1}{2} g t^{2}$ से वर्णित है। उस कण पर लगने वाले बल को ज्ञात करो।
एक बल्लेबाज द्रव्यमान के $0.4\,kg$ की गेंद को, बिना प्रारम्भिक चाल $15\,ms ^{-1}$ को बदले सीधे गेंदबाज की दिशा में मारता है। गेंद को प्रदान आवेग $Ns$ में ज्ञात कीजिए।
चित्र $0.4\, kg$ द्रव्यमान के एक पिण्ड की एक-विमीय गति का स्थिति-समय $(x-t)$ ग्राफ दर्शाता है। प्रत्येक आवेग का परिमाण .............. $N-s$ है।
$m$ द्रव्यमान का एक कण $u$ वेग से $m$ द्रव्यमान के एक अन्य स्थिर कण से एक विमीय प्रत्यास्थ संघट्ट करता है, तथा संघट्ट के पश्चात् दोनों कण अल्प समय $T$ तक परस्पर संपर्क में रहते हैं। समयांतराल $\frac{T}{4}$ में संपर्क बल का मान $0$ से $F_0$ तक रैखिक रूप से बढ़ता है, तत्पश्चात् $\frac{T}{2}$ समय तक नियत रहता है तथा फिर $\frac{T}{4}$ समय में रैखिक रूप से घटकर शून्य हो जाता है, जैसा कि चित्र में प्रदर्शित है। $F_0$ का परिमाण है