एक कण $A$, $+ q$ आवेश व कण $B$, $+ 4q$ आवेश रखता है। प्रत्येक का द्रव्यमान $m$ है। जब समान विभवान्तर द्वारा विराम अवस्था से गिराया जाये, तो इनकी चालों का अनुपात $\frac{{{v_A}}}{{{v_B}}}$ हो जायेगा
$2:1$
$1:2$
$1:4$
$4:1$
$5$ कूलॉम का एक आवेश $0.5\,m$ से विस्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया में किया गया कार्य $10$ जूल है। दोनों बिन्दुओं के बीच विभवान्तर ........$V$ होगा
चित्र में $Q$ आवेश वृत्त के केन्द्र पर है। किसी अन्य आवेश को बिन्दु $P$ से ले जाने में किया गया कार्य अधिकतम होगा जब उसे ले जाया जाये $P$ से
दो समान पतले वलय, जिनमें से प्रत्येक की त्रिज्या $R$ मीटर है, एक-दूसरे से $R$ मीटर की दूरी पर समाक्षत: रख दिए जाते हैं। यदि $Q_1$ कूलॉम और $Q_2$ कूलॉम आवेश उन वलयों पर समान रूप से फैला दिए जाते हें तो एक आवेश $q$ को एक वलय के केन्द्र से दूसरे वलय के केन्द्र तक ले जाने में किया गया कार्य होगा
छः आवेशों $+ q - q + q .- q$, $+ q$ एवं $- q$ को $d$ भुजा वाले एक षटभुज के कौनो पर चित्रानुसार लगाया गया है। अनन्त से आवेश $q _0$ को षटभुज के केन्द्र तक लाने में किया गया कार्य है :
( $\varepsilon_0$ - मुक्त आकाश का परावैद्युतांक)