एक कण $A$, $+ q$ आवेश व कण $B$, $+ 4q$ आवेश रखता है। प्रत्येक का द्रव्यमान $m$ है। जब समान विभवान्तर द्वारा विराम अवस्था से गिराया जाये, तो इनकी चालों का अनुपात $\frac{{{v_A}}}{{{v_B}}}$ हो जायेगा

  • A

    $2:1$

  • B

    $1:2$

  • C

    $1:4$

  • D

    $4:1$

Similar Questions

जब एक प्रोटॉन $1\,V$ से त्वरित किया जाता है तो इसकी गतिज ऊर्जा .......$eV$ हो जायेगी

  • [AIPMT 1999]

एक त्रिज्या $R$ तथा एकसमान धनात्मक आवेश घनत्व (positive charge density) $\sigma$ की चक्रिका को $x y$ तल पर रखा गया है और इसका केंद्र मूल बिंदु पर है। कूलाम्ब विभव $z$ अक्ष पर $V(z)=\frac{\sigma}{2 \epsilon_0}\left(\sqrt{R^2+z^2}-z\right)$ है। एक कण जिसका धनात्मक आवेश $q$ है को प्रारंभ में विरामावस्था में $z$ अक्ष पर $z=z_0$ तथा $z_0>0$ स्थिति पर रखा जाता है। इसके अतिरिक्त एक कण पर उध्वार्धर (vertical) बल $\vec{F}=-c \hat{k}$ लगता है, जहाँ $c>0$ है। $\beta=\frac{2 c \epsilon_0}{q \sigma}$ लें। निम्न में से कौन सा (से) कथन सही है (हैं)।

$(A)$ $\beta=\frac{1}{4}$ तथा $z_0=\frac{25}{7} R$ के लिए कण मूल बिंदु (origin) पर पहुँचता है।

$(B)$ $\beta=\frac{1}{4}$ तथा $z_0=\frac{3}{7} R$ के लिये कण मूल बिंदु पर पहुँचता है।

$(C)$ $\beta=\frac{1}{4}$ तथा $z_0=\frac{R}{\sqrt{3}}$ के लिए कण $z=z_0$ पर वापस आता है।

$(D)$ $\beta>1$ तथा $z_0>0$ के लिये कण हमेशा मूल बिंदु पर पहुँचता है।

  • [IIT 2022]

दो एकसमान धनावेश प्रत्येक $  1\,\mu C$ वायु में एक दूसरे से $1\, m$ की दूरी पर स्थित है। इस निकाय की स्थितिज ऊर्जा होगी

नीचे दिए गए चित्र में एक आवेश विन्यास जिसे विध्यूत चतुर्ध्रुवी कहा जाता है, दर्शाया गया है। चतुर्ध्रुवी के अक्ष पर स्थित किसी बिंदु के लिए $r$ पर विभव की निर्भरता प्राप्त कीजिए जहाँ $r / a>>1$ । अपने परिणाम की तुलना एक विध्यूत द्विध्रुव व विध्यूत एकल ध्रुव (अर्थात् किसी एकल आवेश ) के लिए प्राप्त परिणामों से कीजिए।

दो आवेश $+ q$ और $- q$ चित्र में क्रमानुसार $A$ और $B$ बिन्दुओ पर स्थित हैं। उनके बीच की दूरी $2 L$ है। $A$ और $B$ के बीच $C$ मध्य बिन्दु है। एक अन्य आवेश $+ Q$ को $CRD$ अर्धवृत्त पर चलाने से किया गया कार्य होगा-

  • [AIPMT 2007]