एक सीधे लम्बे तार में चित्रानुसार एक $20$ सेमी त्रिज्या का अर्द्धवृत्ताकार लूप है। इस तार में $10\, A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। लूप के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र है
$10\,\pi \mu T$
$5\,\pi \mu T$
$4\,\pi \mu T$
$2\,\pi \mu T$
दो संकेन्द्री कुण्डलियाँ, जिनमें प्रत्येक की त्रिज्या $2\pi \,{\rm{ }}cm$ है, एक-दूसरे के लम्बवत् रखी हैं। इनमें से एक कुण्डली में $3$ ऐम्पियर तथा दूसरी में $4$ ऐम्पियर धारा प्रवाहित हो रही है। इन कुण्डलियों के केन्द्र पर बेवर प्रति मीटर$^2$ में चुम्बकीय प्रेरण होगा $({\mu _0} = 4\pi \times {10^{ - 7}}\,Wb/A.m)$
एक परिपथ का सीधा भाग $PQ$, $X$-अक्ष के अनुदिश है जो $x = - \frac{a}{2}$ एवं $x = \frac{a}{2}$ के बीच रखा है। इसमें से अचर धारा i प्रवाहित हो रही है। इस भाग $PQ$ द्वारा $X = + a$ बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा
तार की एक वृत्ताकार कुंडली में $100$ फेरे हैं, प्रत्येक की त्रिज्या $8.0 \,cm$ है और इनमें $0.40 \,A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण क्या है?
एक वृत्ताकार चालक $ABCD$, जिसका केन्द्र $O$ एवं $AOC = {60^o}$ है, के बिन्दुओं $A$ व $C$ के बीच एक बैटरी को जोड़ा गया है। यदि $ABC$ एवं $ADC$ में प्रवाहित धाराओं के कारण केन्द्र $O$ पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों के परिमाण क्रमश: ${B_1}$ व ${B_2}$ हैं, तो अनुपात $\frac{{{B_1}}}{{{B_2}}}$ है
एक सरलरेखीय तार जिसमें $14 \mathrm{~A}$ की धारा प्रवाहित हो रही है, को मोड़कर चित्रानुसार $2.2 \mathrm{~cm}$ त्रिज्या वाला अर्द्धवृत्तीय चाप बनाया गया है। धारा द्वारा चाप के केन्द्र $(\mathrm{O})$ पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र___________$\times10^{-4} \mathrm{~T}$ है।