$5\, cm$ त्रिज्या एवं $100$ फेरों वाली एक वृत्ताकार कुण्डली में $0.1\,A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र है ($\mu_0$ = $4 \pi ×10^{-5}$ $weber/amp-metre$)
$2 ×10^{-5}$ टेसला
$4 ×10^{-5}$ टेसला
$8 \pi ×10^{-5}$ टेसला
$4 \pi ×10^{-5}$ टेसला
दो वृत्ताकार चापों तथा त्रिज्यक रेखाओं से बना एक धारा पाशा चित्र में दिखाया गया है। पाश में $10\, A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। बिन्दु $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का सन्निकट मान होगा :
एक सन्निकट लपेटों वाली समतल वृत्ताकार कुण्डली में फेरों की संख्या $25$, इसका व्यास $10$ सेमी. एवं इसमें प्रवाहित धारा $4$ ऐम्पियर है। कुण्डली के केन्द्र पर फ्लक्स घनत्व है
दिखाए गए चित्र के अनुसार $4 \sqrt{3} \mathrm{~cm}$ सेमी. भुजा के समबाहु त्रिभुज की भुजाओं में बहने वाली धारा $2 \mathrm{~A}$ है, त्रिभुज के केन्द्र $\mathrm{O}$ पर चुम्बकीय क्षेत्र है:
(पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र प्रभाव नगण्य मानकर)
त्रिज्या $R$ के अर्द्ध - वृत्तीय वलय के आकार का प्रतिच्छेद वाले एक अनन्त लम्बे तार में धारा $I$ प्रवाहित हो रही है। इसकी अक्ष पर चुम्बकीय प्रेरण का परिमाण है:
एक लम्बा तार $ABDMNDC$ चित्र में दिखाया गया है और इसमें विधुत धारा $I$ बह रही है। इस तार के $AB$ और $BC$ भाग सीधे हैं और एक दूसरे से समकोण बनाते हैं। $D$ पर तार घूमते हुए $R$ त्रिज्या का एक वृत्त $DMND$ बनाता है तथा तार के $AB$ और $BC$ भाग इस वृत्त पर क्रमशः $N$ तथा $D$ पर स्पर्श रेखाएँ बनाते है। इस दशा में वृत्त के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान है।