एक धारावाही तार $LN$ को चित्रानुसार मोड़ा गया हैे। इस तार को कागज -तल के लम्बवत् $5$ टेसला के समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि तार में प्रवाहित धारा $10\, A$ हो तब इस पर कार्यरत बल ......$N$ होगा
$0$
$5$
$30$
$20$
तीन लम्बे, सीधे और समान्तर तारों से चित्र में दर्शाये अनुसार धारा प्रवाहित की जाती है। तार $Q$ के $10 \,cm$ लम्बाई पर लगने वाला बल होगा
दो लम्बे व समान्तर तारों में प्रवाहित धारायें क्रमश: $i_1$ व $i_2$ (${i_1} > {i_2}$) हैं। जब इनमें प्रवाहित धाराओं की दिशायें समान हैं तब तारों के बीच मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र $10\, \mu T$ है। जब $i_2$ धारा की दिशा विपरीत कर दी जाती है तब इसका मान $40\, \mu T$ हो जाता है, अनुपात ${i_1}/{i_2}$ है
$200\, g$ द्रव्यमान तथा $1.5 \,m$ लंबाई के किसी सीधे तार से $2\, A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है। यह किसी एकसमान क्षेतिज $B$ चुंबकीय क्षेत्र द्वारा वायु के बीच में निलंबित है ( चित्र )। चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण ज्ञात कीजिए।
एक इलेक्ट्रॉन पुंज एवं एक प्रोटॉन पुंज एक दूसरे के समान्तर एक ही दिशा में गतिमान हैं। तब ये
दो लम्बे धारावाही समान्तर चालक तार $8\,cm$ की दूरी पर रखे गए है। दोनों चालको में धारा प्रवाह के कारण यदि मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण $300\,\mu T$ है तो दोनों चालको में प्रवाहित होने वाली समान धारा होगी: