एक घन जिसकी भुजा $l$ है, को एकसमान विद्युत क्षेत्र में रखा जाता है जबकि है। इस घन से निकलने वाले फ्लक्स का मान होगा
शून्य
${l^2}E$
$4{l^2}E$
$6{l^2}E$
किसी अनन्त समतल आवेशित चादर के सामने $d$ दूरी पर एक आवेश $+Q$ स्थित है। विद्युत बल रेखाओं का सही चित्रण होगा
एक वैद्युत क्षेत्र $(6 \hat{\mathrm{i}}+5 \hat{\mathrm{j}}+3 \hat{\mathrm{k}}) \mathrm{N} / \mathrm{C}$ से प्रदर्शित किया गया है। $\mathrm{YZ}$-तल में $30 \hat{\mathrm{i}}$ मी. $^2$ क्षेत्रफल से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स ($SI$ मात्रक में) है :
चित्र में विध्यूत क्षेत्र अवयव $E_{x}=\alpha x^{1 / 2}, E_{y}=E_{z}=0$ है, जिसमें $\alpha=800 \,N / C m ^{1 / 2}$ है। $(a)$ घन से गुजरने वाला फ्लक्स, तथा $(b)$ घन के भीतर आवेश परिकलित कीजिए। $a=0.1 \,m$ मानिए
एक लम्बे बेलनाकार आयतन में एक समान आवेश घनत्व $\rho$ वितरित है। बेलनाकार आयतन की त्रिज्या $R$ है। एक आवेश कण $(q)$ बेलन के चारों तरफ वृत्ताकार पथ में घुमता है। आवेश कण की गतिज ऊर्जा है $....$
किसी विद्युत क्षेत्र का व्यंजक $\overrightarrow{\mathrm{E}}=4000 x^2 \hat{\mathrm{i}} \frac{\mathrm{V}}{\mathrm{m}}$ है। $20 \mathrm{~cm}$ भुजा वाले घन से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स (चित्र में दर्शाये अनुसार)____________ $\mathrm{V} \mathrm{cm}$ है।