एक आवेश कण स्वतंत्र गति कर सकता है, तो वह गति करेगा

  • [IIT 1979]
  • A

     बल की दिशा में सदैव

  • B

    यदि उसका प्रारम्भिक वेग शून्य है तो बल रेखा की दिशा में

  • C

    यदि यह बल-रेखा से न्यूनकोण दिशा में प्रारम्भिक वेग रखता है तो बल-रेखा के अनुदिश

  • D

    उपरोक्त में से कोई नहीं

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$R$ त्रिज्या तथा $L$ लम्बाई के एक बेलन को एकसमान वैद्युत क्षेत्र $E$ के अनुदिश अक्ष में रखा गया है, तो बेलन के पृष्ठ से सम्पूर्ण फ्लक्स हेतु व्यंजक है

ऋण वैद्युत आवेश के चारों ओर बल रेखाएँ होती हैं

एक धात्विक घन को धनावेश $Q$ दिया गया है। इस व्यवस्था के लिए, निम्न में से कौनसा कथन सत्य है

किसी बिंदु आवेश के कारण उस बिंदु को केंद्र मानकर खींचे गए $10\, cm$ त्रिज्या के गोलीय गाउसीय पृष्ठ पर वैध्युत फ्लक्स $-1.0 \times 10^{3} Nm ^{2} / C$ । $(a)$ यदि गाउसीय पृष्ठ की शिज्या दो गुनी कर दी जाए तो पृष्ठ से कितना फ्लक्स गुजरेगा? $(b)$ बिंदु आवेश का मान क्या है?

$L$ मीटर भुजा की एक वर्गाकार सतह , पेपर के समतल में, किसी एक समान विधुत क्षेत्र में रखी है। विधुत क्षेत्र की तीव्रता $E( v / m )$ है और यह उसी समतल के अनुदिश, वर्ग की क्षैतिज भुजा से $\theta$ कोण पर कार्य करता है , जैसा की चित्र (आरेख ) में दिखाया गया है। इस सतह से सम्बद्ध विद्युत फ्लक्स, $volt.\, m$ में है

  • [AIPMT 2010]