$Q$ कूलॉम का आवेश एक ठोस धातु के टुकड़े पर जिसका अनियमित आकार है, रखा हुआ है। आवेश का वितरण होगा
धातु में समान रूप से
इसकी सतह पर समान रूप से
इस प्रकार कि स्थितिज ऊर्जा का मान न्यूनतम हो
इस प्रकार की कुल ऊष्मा का हृास न्यूनतम हो
$-q$ आवेश तथा $m$ द्रव्यमान का एक कण $+\lambda$. रेखीय आवेश घनत्व के एक अनंत लम्बे रेखीय आवेश के परितः $r$ त्रिज्या के एक वृत्त में गति करता है। तब इसका आवर्त काल होगा
( $k$ को कूलॉम नियतांक मानकर)
दो समान आवेश जिनका परिमाण $Q$ है, एक दूसरे से $d$ दूरी पर स्थित हैं। निकाय की स्थिरविद्युत ऊर्जा $E$ है। एक तीसरा आवेश $- Q / 2$ दोनों आवेशों के मध्य रख दिया जाए तो निकाय की स्थिरविद्युत ऊर्जा होगी
एक वर्ग के विपरीत कोनों में प्रत्येक पर एक आवेश $Q$ रखा है। दूसरे दो विपरीत कोनों पर आवेश $q$ रखा है। यदि $Q$ पर परिणामी विद्युत बल शून्य है, तब $\frac{Q}{q}$ का मान है।
लम्बाई $l$ की दो द्रव्यमानहीन डोरियो द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से दो एकसमान आवेशित गोले लटकाये गये है, जों कि प्रारम्भ में दूरी $d(d$ $ < < l)$ पर अपनें अन्योन्य विकषर्ण के कारण है। दोंनों गोलों से आवेश एक स्थिर दर से लीक होना प्रारम्भ करता है। इसके परिणाम स्वरूप आवेश एक दूसरे की ओर $v$ वेग से गति करना प्रारम्भ करते है। तब दोनों के बीच दूरी $x$ के फलन के रूप में
विद्युतशीलता की इकाई है