तीन एक समान आवेश प्रत्येक $2\,C$ से आवेशित गेंदो को चित्रानुसार प्रत्येक $2\,m$ लम्बे रेशम के धागों से बांधकर उभयनिप्ट बिन्दु $P$ से लटकाया गया है। तीनों गेंदे $1\,m$ भुजा के समबाहु त्रिभुज का निर्माण करती है।किसी एक आवेशित गेंद पर लग रहे कुल बल तथा किन्ही दो आवेशित गेंदो के बीच के परस्पर बल का अनुपात होगा-
$1: 1$
$1: 4$
$\sqrt{3}: 2$
$\sqrt{3}: 1$
चार एकसमान लोलकों को $100 gm$ द्रव्यमान के गेंद को $20 \,cm$ के धागे से बाँधकर बनाया गया है |इन चारों लोलकों को एक ही बिन्दु से लटकाया जाता है | प्रत्येक गेंद को $Q$ आवेश दिया जाता है जिसके परिणामस्वरुप सारी गेंदे एक दूसरे से दूर हो जाती हैं | प्रत्येक धागा उर्ध्वाधर से $45^{\circ}$ का कोण बनाता है $\mid Q$ का मान लगभग ................. $\mu C$ होगा? $(\frac{1}{4 \pi \varepsilon_0}=9 \times 10^4 \,Sl$ इकाई में )
चार आवेश $Q_1, Q_2, Q_3$, तथा $Q_4$, जिनका मान समान है, $x$ अक्ष के अनुदिश क्रमशः $x=-2 a,-a,+a$ तथा $+2 a$ पर रखे हैं। एक अन्य धनावेश $q,+y$ अक्ष पर $b > 0$ दूरी पर रखा है। आवेशों के चिहृन (sign) के चार विकल्प सूची-$I$ में दिए है। आवेश $q$ पर लगने वाले बलों की दिशा सूची-$II$ में दी गई है। सूची-$I$ को सूची-$II$ से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिये गए कोड का प्रयोग करके सही विकल्प चुनिए :
सूची-$I$ | सूची-$II$ |
$P.$ $\quad Q _1, Q _2, Q _3, Q _4$, सभी धनावेश है। | $1.\quad$ $+ x$ |
$Q.$ $\quad Q _1, Q _2$ धनावेश है $Q _3, Q _4$ ॠणावेश है। | $2.\quad$ $-x$ |
$R.$ $\quad Q _1, Q _4$ धनावेश है $Q _2, Q _3$ ॠणावेश है। | $3.\quad$ $+ y$ |
$S.$ $\quad Q _1, Q _3$ धनावेश है $Q _2, Q _4$ ॠणावेश है। | $4.\quad$ $-y$ |
चित्रानुसार, बिन्दु आवेश $q$ धनात्मक $X - $अक्ष की दिशा के समान्तर एकसमान विद्युत क्षेत्र में $P$ से $S$ की दिशा में $PQRS$ के अनुदिश गति करता है।$P,\,Q,\,R$ व $S$ के निर्देशांक क्रमश: $(a,\,b,\,0),\;(2a,\,0,\,0),\;(a,\, - b,\,0)$ व $(0,\,0,\,0)$ हैं। क्षेत्र द्वारा उपरोक्त प्रक्रिया में किया गया कार्य है
लम्बाई $ a$ के एक वर्ग के चारों कोनों $A,\,B,\,C,\,D$ पर समान आवेश $q$ रखे हैं। $D$ पर रखे हुए आवेश पर लगने वाले बल का परिमाण होगा
लम्बाई $l$ की दो द्रव्यमानहीन डोरियो द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से दो एकसमान आवेशित गोले लटकाये गये है, जों कि प्रारम्भ में दूरी $d(d$ $ < < l)$ पर अपनें अन्योन्य विकषर्ण के कारण है। दोंनों गोलों से आवेश एक स्थिर दर से लीक होना प्रारम्भ करता है। इसके परिणाम स्वरूप आवेश एक दूसरे की ओर $v$ वेग से गति करना प्रारम्भ करते है। तब दोनों के बीच दूरी $x$ के फलन के रूप में