चित्र में प्रदर्शित धारा व्यवस्था के कारण मध्य बिन्दु $\mathrm{O}$ पर चुम्बकीय प्रेरण का परिमाण होगा :
$\frac{\mu_0 I}{2 \pi a }$
$0$
$\frac{\mu_0 I }{4 \pi a }$
$\frac{\mu_0 I}{\pi a }$
$a$ त्रिज्या की वृत्ताकार धारावाही कुण्डली के केन्द्र और उसके अक्ष पर केन्द्र से त्रिज्या के बराबर दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात है
$4$ घेरे वाली वृत्ताकार कुँडली में प्रवाहित विद्युत धारा, इसके केन्द्र पर $32 \mathrm{~T}$ मान का चुम्बकीय प्रेरण उत्पन्न करती है। कुंडली को खोला जाता है एवं एकल घेरे वाली वृत्ताकार कुंडली के रूप में फिर से बाँधा जाता हैं तो अब समान धारा के लिये कुंडली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण का मान $..........\,T$ होगा:
एक निश्चित लम्बाई के तार से बनी एक फेरे वाली कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। इसी लम्बाई के तार से बनी दो फेरों वाली कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र है (धारा नियत है)
हाइड्रोजन परमाणु में, एक इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ $0.52\,\mathring A$. त्रिज्या वाली कक्षा में $6.76 \times 10^6 \mathrm{~ms}^{-1}$ की चाल से घूमता है। हाइड्रोजन परमाणु के नाभिक पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान_____________ $\mathrm{T}$ है।
एक मीटर लम्बाई के तार मेंं एक अचर धारा प्रवाहित है। तार को मोड़कर एक वृत्ताकार कुण्डली बनाते हैं। कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $B$ है। इसी तार से न्यूनतम त्रिज्या की वृत्तीय कुण्डली बनाते हैं ताकि कुण्डली में चार फेरे हों। इस नई कुण्डली के केन्द्र पर अब चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा