$C$ धारिता वाले एक समान्तर प्लेट धारित्र को $V$ विभव की बैटरी से समान्तर क्रम में जोड़ा गया है, अब धारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी को एकाएक आधा कर दिया गया। यह मानकर कि दूरी घटाने पर संधारित्र में आवेश वही बना रहा, तो धारित्र को अन्तिम विभव $V$ पर दुबारा आवेशित करने के लिये बैटरी द्वारा दी गई ऊर्जा होगी

  • A

    $C{V^2}/4$

  • B

    $C{V^2}/2$

  • C

    $3C{V^2}/4$

  • D

    $C{V^2}$

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$0.3\,\mu F$ और $0.6\,\mu F$ धारिता के दो संधारित्र श्रेणीक्रम में जुड़े हुये हैं। यदि संयोजन को $6\,volts$ के स्रोत से जोड़ दिया जाये, तो प्रत्येक संधारित्र पर संग्रहित ऊर्जा का अनुपात होगा

$900\  \mu \mathrm{F}$ धारिता वाले एक संधारित्र को $100 \mathrm{~V}$ वाली बैटरी के द्वारा आवेशित किया जाता है। अब इसे बैटरी से हटाया जाता है, एवं किसी दूसरे एकसमान अनावेशित संधारित्र के साथ इस प्रकार जोड़ा जाता है कि अनावेशित संधारित्र की एक पट्टी, आवेशित संधारित्र की धन पट्टी से एवं दूसरी पट्टी आवेशित संधारित्र की ऋण पट्टी से जुड़ती है। इस प्रक्रिया में हुई ऊर्जा क्षय का मान $\mathrm{x} \times 10^{-2} \mathrm{~J}$ है। $\mathrm{x}$ का मान होगा

  • [JEE MAIN 2023]

धारिता $C$ और $C / 2$ के दो संधारित्रों को चित्र के अनुसार $V-$वोल्ट की बैट्री से जोड़ा गया है।

दोनों संधारित्रों को पूर्ण आवेशित करने में किया गया कार्य होगा-

  • [AIPMT 2007]

$50\,\mu F$ धारिता के समान्तर पट्टिका संधारित्र की पट्टिकाओं को $100$ वोल्ट विभव तक आवेशित किया जाता है तथा उन्हें इस प्रकार अलग-अलग कर दिया जाता है कि पट्टिकाओं के बीच की दूरी दुगनी हो जाए। इस क्रिया में कितनी ऊर्जा का क्षय होगा

एक गोला जिसकी त्रिज्या $1\,cm$ एवं विभव $8000\,V$ है तो इसकी सतह के नजदीक ऊर्जा घनत्व होगा