धारिता $C$ और $C / 2$ के दो संधारित्रों को चित्र के अनुसार $V-$वोल्ट की बैट्री से जोड़ा गया है।
दोनों संधारित्रों को पूर्ण आवेशित करने में किया गया कार्य होगा-
$\frac{1}{4}\,C{V^2}$
$\;\frac{3}{4}\,C{V^2}$
$\;\frac{1}{2}\,C{V^2}$
$\;3\,C{V^2}$
$(a)$ $900 \,pF$ के किसी संधारित्र को $100 \,V$ बैटरी से आवेशित किया गया $[$ चित्र $( a )]$ संधारित्र में संचित कुल स्थिरवैध्युत ऊर्जा कितनी है? $(b)$ इस संधारित्र को बैटरी से वियोजित करके किसी अन्य $900 \,pF$ के संधारित्र से संयोजित किया गया। निकाय द्वारा संचित स्थिरवैध्यूत ऊर्जा कितनी है?
$6$ $\mu C$ के आवेश को $9\, V$ की बैटरी के ऋण सिरे से धन सिरे तक ले जाने के लिए आवश्यक कार्य है
एक समान्तर प्लेट संधारित्र का प्लेट-क्षेत्रफल $A$ तथा प्लेट अन्तराल $d$ है। इसे $V_o$ विभव तक आवेशित किया जाता है। आवेशक बैटरी को हटाकर इसकी प्लेटों को दूर की ओर खींच कर इसका प्लेट अन्तराल पूर्व की तुलना में तीन गुना कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में किया गया कार्य है
दो संधारित्र जिनमें प्रत्येक की धारिता $1\,\mu F$ है, समान्तर क्रम में जुड़े हैं। उनको $200\;volts$ की दिष्ट धारा द्वारा आवेशित करते हैं, उनके आवेशों की कुल ऊर्जा जूल में होगी
श्रेणी क्रम में जुड़े (संयोजित ) $n_{1}$ संधारित्रों में प्रत्येक की धारिता $C_{1}$ है। इस संयोजन को $4\, V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। एक अन्य संयोजन में $n_{2}$ संधारित्रों को, जिनमें प्रत्येक की धारिता $C_{2}$ है, समान्तर (पाश्र्व) क्रम में जोड़कर, $V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। यदि इन दोनो संयोजनों में संचित ऊर्जा समान (बराबर) हो तो $C_{1},$ के पदों $C_{2}$ का मान होगा