$50\,\mu F$ धारिता के समान्तर पट्टिका संधारित्र की पट्टिकाओं को $100$ वोल्ट विभव तक आवेशित किया जाता है तथा उन्हें इस प्रकार अलग-अलग कर दिया जाता है कि पट्टिकाओं के बीच की दूरी दुगनी हो जाए। इस क्रिया में कितनी ऊर्जा का क्षय होगा
$25 \times {10^{ - 2}}\,J$
$ - 12.5 \times {10^{ - 2}}\,J$
$ - 25 \times {10^{ - 2}}\,J$
$12.5 \times {10^{ - 2}}\,J$
$(a)$ $900 \,pF$ के किसी संधारित्र को $100 \,V$ बैटरी से आवेशित किया गया $[$ चित्र $( a )]$ संधारित्र में संचित कुल स्थिरवैध्युत ऊर्जा कितनी है? $(b)$ इस संधारित्र को बैटरी से वियोजित करके किसी अन्य $900 \,pF$ के संधारित्र से संयोजित किया गया। निकाय द्वारा संचित स्थिरवैध्यूत ऊर्जा कितनी है?
एक आवेशित संधारित्र की प्लेटों की बीच की दूरी बढ़ाने पर, संचित ऊर्जा
एक $C$ धारिता वाले धारित्र का आवेश $Q$ और संचित ऊर्जा $W$ है। यदि उसका आवेश बढ़ाकर $2Q$ कर दिया जाये, तो संचित ऊर्जा होगी
संधारित्र के मध्य ऊर्जा रहती है
एक $5\, \mu F$ संधारित्र को $220\, \,V$ विघुत आपूर्ति कर पूर्णत: आवेशित किया जाता है और पूणः आपूर्ति बंद कर इसे $2.5\, \mu F$ के संधारित्र के साथ श्रेणीक्रम में जोड़ दिया जाता है। यदि आवेश के पूणर्वितरण के दौरान ऊर्जा परिवर्तन $\frac{ X }{100} J$ है तो $X$ का मान निकटतम पूर्णाक में है