किसी निश्चित ऊँचाई से एक गेंद को गिराया जाता है। जमीन तल से टकराने पर यह $50\%$ गतिज ऊर्जा खो देती है। यह पुन: कितनी ऊँचाई तक उछलेगी
प्रारम्भिक ऊँचाई की एक चौथाई
प्रारम्भिक ऊँचाई की आधी
प्रारम्भिक ऊँचाई की तीन चौथाई
उपरोक्त में से कोई नहीं
एक कण प्रारंभ में घर्षण रहित क्षैतिज तल पर विराम में स्थित है। कण पर नियत परिमाण व दिशा का क्षैतिज बल आरोपित किया जाता है। पिण्ड पर किये गये कार्य $(W)$ व उसके वेग $(v) $ के मध्य सही ग्राफ होगा (यदि कण पर कोई अन्य क्षैतिज बल नहीं लग रहा है)
$1$ ग्राम द्रव्यमान की वर्षा के पानी की एक बूँद, $1 \,km$ ऊँचाई से गिरती है और भू-तल से $50\, m / s$ की चाल से टकराती है। यदि $'g'$ का मान $10 \,m / s ^{2}$ स्थिर रहे तो, $(i)$ गुरूत्वीय बल तथा $(ii)$ वायु के प्रतिरोधक बल द्वारा किया गया कार्य होगा :
किसी लड़के ने एक घर्षणरहित फर्श पर $0.5\;kg$ की गेंद को $20 \;ms ^{-1}$ की गति से लुढ़का दिया है। गेंद रास्ते में अवरोध के कारण विचलित जाती है। विचलन के पश्चात् यह अपनी प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा के $5 \%$ भाग के साथ गति करती है। इस स्थिति में गेंद की चाल होगी? $(ms ^ {-1}$ मे$)$
$10 \;kg$ द्रव्यमान के पिंड के लिये वेग-समय ग्राफ चित्र में दिया है। पिंड पर पहले $2$ से. में किया गया कार्य है $\dots \;J$
$m$ $m(=1 \,kg )$ द्रव्यमान का एक गुटका क्षितिज सतह पर $v_{i}=2 \,m s ^{-1}$ की चाल से चलते हुए $x=0.10\, m$ से $x=2.01 \,m$ के खुरदरे हिस्से में प्रवेश करता है। गुटके पर लगने वाला मंदक बल $(F_r)$ इस क्षेत्र में $x$ के व्युत्कमानुपाती है,
$F_{r}=\frac{-k}{x}$ $0.1 < x < 2.01 \;m$
$=0$ $x < 0.1\; m$ और $x > 2.01\; m$ जहाँ $k=0.5\, J$ । गुटका जैसे ही खुरदरे हिस्से को पार करता है, इसकी अंतिम गतिज ऊर्जा और चाल $v_{f}$ की गणना कीजिए।