एक $10 \mu \mathrm{C}$ आवेश दो भागों में विभाजित किया जाता है तथा $1 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर रख दिया जाता है ताकि इसके बीच प्रतिकर्षण बल अधिकतम हो। दोनों भागों के आवेश है:
$9\,\mu C , 1\,\mu C$
$5\,\mu C , 5\,\mu C$
$7\,\mu C , 3\,\mu C$
$8\,\mu C , 2\,\mu C$
$+8q$ तथा $ - 2q$ के दो बिन्दु आवेश क्रमश: $x = 0$ तथा $x = L$ पर स्थित हैं। $x$-अक्ष पर उस बिन्दु की स्थिति जहां इन आवेशों के कारण नेट विद्युत क्षेत्र शून्य है, क्या है
दो आवेश एक दूसरे से $‘d’$ दूरी पर है। यदि दोनों के मध्य $\frac{d}{2}$ मोटाई की तांबे की प्लेट रख दें तो प्रभावी बल होगा
$R$ त्रिज्या के वृत्त पर $q$ परिमाण के $12$ घनात्मक आवेश समान दूरी पर रखे गए। एक $+Q$ आवेश को केन्द्र में रखा गया। यदि $q$ आवेशों में से एक को निकाल दिया जाए तो $Q$ पर बल क्या होगा ?
$(a)$ दो विध्यूतरोधी आवेशित ताँबे के गोलों $A$ तथा $B$ के केंद्रों के बीच की दूरी $50 \,cm$ है। यद् दोनों गोलों पर पृथक-पृथक आवेश $6.5 \times 10^{-7} C$ हैं, तो इनमें पारस्परिक स्थिरवैध्यूत प्रतिकर्षण बल कितना है? गोलों के बीच की दूरी की तुलना में गोलों $A$ तथा $B$ की त्रिज्याएँ नगण्य हैं।
$(b)$ यदि प्रत्येक गोले पर आवेश की मात्रा दो गुनी तथा गोलों के बीच की दूरी आधी कर दी जाए तो प्रत्येक गोले पर कितना बल लगेगा?
शुद्ध जल का परावैद्युतांक $81$ है, तो इसकी वैद्युतशीलता होगी