शुद्ध जल का परावैद्युतांक $81$ है, तो इसकी वैद्युतशीलता होगी
$7.12 \times {10^{ - 10}}\,MKS$ मात्रक
$8.86 \times {10^{ - 12}}MKS$ मात्रक
$1.02 \times {10^{13}}\;MKS$ मात्रक
गणना नहीं कर सकते हैं
तीन एक समान आवेश प्रत्येक $2\,C$ से आवेशित गेंदो को चित्रानुसार प्रत्येक $2\,m$ लम्बे रेशम के धागों से बांधकर उभयनिप्ट बिन्दु $P$ से लटकाया गया है। तीनों गेंदे $1\,m$ भुजा के समबाहु त्रिभुज का निर्माण करती है।किसी एक आवेशित गेंद पर लग रहे कुल बल तथा किन्ही दो आवेशित गेंदो के बीच के परस्पर बल का अनुपात होगा-
दो छोटी गोलाकार गेंदें प्रत्येक पर $Q = 10\,\mu C$ आवेश है, को दो समान लम्बाई प्रत्येक $1$ मीटर, के कुचालक धागों द्वारा छत के किसी बिन्दु से लटकाई गयी है। यह पाया गया है कि साम्यावस्था में धागों के मध्य चित्रानुसार ${60^o}$ का कोण है। धागों में तनाव.......$N$ है (दिया है : $\frac{1}{{(4\pi {\varepsilon _0})}} = 9 \times {10^9}\,Nm/{C^2}$)
किसी निश्चित आवेश $Q$ को दो भागों $q$ और $( Q - q )$ में विभाजित किया गया है। $Q$ तथा $q$ को किस प्रकार विभाजित किया जाना चाहिए ताकि $q$ और $( Q - q)$ को एक-दूसरे से किसी निश्चित दूरी पर रखे जाने पर ये परस्पर अधिकतम स्थिर विधुत प्रतिकर्षण बल का अनुभव करे?
लम्बाई $l$ की दो द्रव्यमानहीन डोरियो द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से दो एकसमान आवेशित गोले लटकाये गये है, जों कि प्रारम्भ में दूरी $d(d$ $ < < l)$ पर अपनें अन्योन्य विकषर्ण के कारण है। दोंनों गोलों से आवेश एक स्थिर दर से लीक होना प्रारम्भ करता है। इसके परिणाम स्वरूप आवेश एक दूसरे की ओर $v$ वेग से गति करना प्रारम्भ करते है। तब दोनों के बीच दूरी $x$ के फलन के रूप में
एक समबाहु त्रिभुज, जिसका केन्द्र मूल बिन्दु (origin) है. के तीनो शीर्षो पर तीन $+ q$ समान आवेश रखे गए है। उन्हें एक प्रत्यानयन बल (restoring force) $f(r)=$ $kr$. जिसकी दिशा मूल बिन्दु की तरफ है और $k$ एक नियतांक है, के द्वारा साम्यावस्था (equilibrium) में रखा गया है। मूल बिन्दु से इन तीनों आवेशों की दूरी क्या होगी?