दो आवेश एक दूसरे से $‘d’$ दूरी पर है। यदि दोनों के मध्य $\frac{d}{2}$ मोटाई की तांबे की प्लेट रख दें तो प्रभावी बल होगा

  • A

    $2F$

  • B

    $F / 2$

  • C

    $0$

  • D

    $\sqrt 2 F$

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$ABC$ एक समकोण त्रिभुज है, जिसमें $AB = 3\,$ सेमी तथा $BC = 4$ सेमी है। बिन्दु $A$, $B$ और $C$ पर क्रमश: $ + 15,\; + 12$ और $ - 20\,$ स्थिर वैद्युत मात्रक (esu) के आवेश स्थित हैं। बिन्दु $B$ पर स्थित आवेश पर लगने वाला बल.......डायन होगा

$5 \times {10^{ - 11}}\,C$ एवं $ - 2.7 \times {10^{ - 11}}\,C$ के दो आवेश एक दूसरे से $0.2$ मीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन दोनों को जोड़ने वाली रेखा पर एक तीसरा आवेश $ - 2.7 \times {10^{ - 11}}\,C$ से कितनी ......मीटर दूरी पर रखा जाये कि उस पर कार्यरत कुल बल शून्य हो

दो समरूप आवेशित गोले $A$ एवं $B$, जो एक-दूसरे से एक निश्चित दूरी से विस्थापित है, के बीच $F$ परिमाण का प्रतिकर्षण बल लगता है। समान आकार के एक तीसरे अनावेशित गोले $C$ को गोले $B$ के सम्पर्क में रखकर विलगित किया जाता है तथा इसे $A$ एवं $B$ के मध्यबिन्दु पर रखा जाता है। $C$ गोले पर लगे बल का परिमाण है

दो एकसमान धनावेश $Q$, एक दूसरे से ' $2\,a$ ' दूरी पर स्थिर किए गए हैं। दोनों स्थिर आवेशों के मध्य बिन्दु पर, किसी अन्य ' $m$ ' द्रव्यमान के आवेश $q _0$ को रखा जाता है। दोनों स्थिर आवेशों को जोड़ने वाली रेखा के अनुदिश एक लघु विस्थापन के कारण आवेश $q _0$ सरल आवर्त गति करने लगता है। आवेश $q _0$ के दोलनों का आवर्तकाल होगा :

  • [JEE MAIN 2022]

विद्युत आवेशों के मध्य लगने वाले बलों से सम्बन्धित नियम है