दो आवेश एक दूसरे से $‘d’$ दूरी पर है। यदि दोनों के मध्य $\frac{d}{2}$ मोटाई की तांबे की प्लेट रख दें तो प्रभावी बल होगा

  • A

    $2F$

  • B

    $F / 2$

  • C

    $0$

  • D

    $\sqrt 2 F$

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दो कण जिनके द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ है, एक दूसरे से $16$ सेमी. दूर हैं। यदि वे कोई बल अनुभव न करें तो $\frac{q}{m}$ का मान होगा

दो धनात्मक आवेश वाले गोले जिनका द्रव्यमान $m_1$ तथा $m_2$ है, छत पर उभय बिन्दु से एकसमान कुचालक भारहीन डोरी, जिसकी लंबाई $l$ है, से लटके हुए हैं। दोनों गोलों का आवेश क्रमश: $q_1$ तथा $q_2$ है। साम्यावस्था में दोनों गोलों की डोरियाँ ऊर्ध्वाधर से समान कोण $\theta$ बनाती हैं। तब

  • [KVPY 2014]

तीन आवेशों $q_{1}, q_{2}, q_{3}$ पर विचार कीजिए जिनमें प्रत्येक $q$ के बराबर है तथा $l$ भुजा वाले समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर स्थित है। त्रिभुज के केंद्रक पर चित्र में दर्शाए अनुसार स्थित आवेश $Q$ (जो $q$ का सजातीय ) पर कितना परिणामी बल लग रहा है?

${F_g}$ और ${F_e}$ क्रमश: गुरुत्वीय और स्थिर वैद्युत बल $10$ सेमी की दूरी पर स्थित इलेक्ट्रॉन के मध्य दर्शाते हैं, तो ${F_g}/{F_e}$ अनुपात की कोटि होगी      

दो छोटी गोलाकार गेंदें प्रत्येक पर $Q = 10\,\mu C$ आवेश है, को दो समान लम्बाई प्रत्येक $1$ मीटर, के कुचालक धागों द्वारा छत के किसी बिन्दु से लटकाई गयी है। यह पाया गया है कि साम्यावस्था में धागों के मध्य चित्रानुसार ${60^o}$ का कोण है। धागों में तनाव.......$N$ है (दिया है : $\frac{1}{{(4\pi {\varepsilon _0})}} = 9 \times {10^9}\,Nm/{C^2}$)