तापमान में वृद्धि के साथ यंग प्रत्यास्थता गुणांक :
समान रूप से बदलता है।
घटता है।
बढ़ता है।
अपरिवर्तित रहता है।
मृदु इस्पात के चार समरूप खोखले बेलनाकार स्तम्भ $50.000\, kg$ द्रव्यमान के किसी बड़े ढाँचे को आधार दिये हुए हैं। प्रत्येक स्तम्भ की भीतरी तथा बाहरी त्रिज्याएँ क्रमशः $30$ तथा $60\, cm$ हैं। भार वितरण को एकसमान मानते हुए प्रत्येक स्तम्भ की संपीडन विकृति की गणना कीजिये।
एक प्रयोग में, पीतल तथा स्टील के दो तारों का प्रयोग किया गया है जिसमें प्रत्येक की लम्बाई $1 \,m$ तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $1\, mm ^{2}$ है। इन तारों को श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं तथा संयुक्त तार के एक सिरे को दूढ़ स्तम्भ
से जोड़ते हैं एवं दूसरे सिरे को खींचा जाता है। $0.2\, mm$ की कुल वृद्धि के लिये प्रतिबल का मान होगा :
(दिया है, स्टील तथा पीतल के यंग प्रत्यास्थता गुणांक, क्रमश: $120 \times 10^{9} \,N / m ^{2}$ तथा $60 \times 10^{9} \, N / m ^{2}$ है)
इस्पात के एक तार को उसकी लम्बाई से $1.1$ गुना खींचना है। तार का अनुप्रस्थ काट $1$ वर्ग सेमी है तथा यंग का गुणांक $2 \times {10^{11}}\,\,N{m^{ - 2}}$ है, इसके लिए बल की आवश्यकता होगी
यदि ताम्बे व पीतल के तारो का व्यास ,लम्बाई तथा यंग के प्रत्यास्था गुणांकों का अनुपात चित्रानुसार $p,q$ व $r$ है तब इनकी लम्बाई में वृद्धि का अनुपात होगा
एक रबर के पाइप को दृढ़ आधार से लटकाया गया है, इसमें स्वयं के भार के कारण लम्बाई में कितनी वृद्धि होगी यदि पदार्थ का घनत्व $1.5 \times {10^3}\,$${^3}$ किग्रा/मी$^3$, यंग प्रत्यास्थता गुणांक $5 \times {10^6}\,$ न्यूटन/मी${^2}$ तथा पाइप की लम्बाई $8$ मीटर हो