एक रबर के पाइप को दृढ़ आधार से लटकाया गया है, इसमें स्वयं के भार के कारण लम्बाई में कितनी वृद्धि होगी यदि पदार्थ का घनत्व $1.5 \times {10^3}\,$${^3}$ किग्रा/मी$^3$, यंग प्रत्यास्थता गुणांक $5 \times {10^6}\,$ न्यूटन/मी${^2}$ तथा पाइप की लम्बाई $8$ मीटर हो
$9.6$ मीटर
$9.6 \times {10^3}$ मीटर
$19.2 \times {10^{ - 2}}$ मीटर
$9.6 \times {10^{ - 2}}$ मीटर
एक इकाई घन की सभी छ: सतहों पर $F$ तनन सार्मथ्य आरोपित किया जाता है। प्रत्येक भुजा की लम्बाई में वृद्धि होगी( $Y=$ यंग मापांक, =पॉइसन अनुपात)
एक धातु के दण्ड के दोनों सिरों के मध्य केन्द्र पर भार लटकाया गया है। केन्द्र पर अवनमन समानुपाती होता है
$10\, cm$ लम्बाई के एक स्टील के तार के सिरों पर जब तापमान में $100^{\circ} C$ की वृद्धि की जाती हैं तब इसकी लम्बाई स्थिर रखने के लिये सिरो पर लगाया गया दाब है :
$($ स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $2 \times 10^{11} \,N\, m ^{-2}$ और रेखिक प्रसार गुणांक $1.1 \times 10^{-5} \,K ^{-1}$ हैं $)$
दो विभि पदार्थों वाली छड़ों के रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha$$_1$ व $\alpha$$_2$ तथा यंग गुणांक क्रमश: ${Y_1} व {Y_2}$ हैं, इन्हें दो दृढ़ स्थिर दीवारों के बीच कसा गया हैं। छड़ों को इस प्रकार गर्म किया जाता है कि प्रत्येक के ताप में समान वृद्धि होती है। छड़ें झुकती नहीं हैं। यदि ${\alpha _1}:{\alpha _2} = 2:3 $ एवं छड़ों के तापीय प्रतिबल बराबर हैं तो ${Y_1}:{Y_2}$ का मान होगा
अविस्तारित $L$ लम्बाई की एकसमान शंकुनुमा तार के सिरों की त्रिज्या क्रमशः $R$ तथा $3R$ हैं। उसकी धातु का यंग-माडुलस $Y$ है। $R$ त्रिज्या वाले सिरे को एक ढृढ़ आधार पर जड़ित किया गया है तथा दूसरे सिरे पर $M$ द्रव्यमान लटकाया गया है। संतुलन-अवस्था में तार की लम्बाई होगी