एक ऋणात्मक आवेश को पृथ्वी की सतह से ऊपर ले जाने में स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन होगा
घट जाती है
बढ़ जाती है
अपरिवर्तित रहती है
अनन्त हो जावेगी
यदि तीन आवेश प्रत्येक ‘$q$’ किसी समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर रख दिये जायें तो $l$ सेमी. भुजा वाले इस समबाहु त्रिभुज की कुल स्थितिज ऊर्जा होगी
एक इलेक्ट्रॉन को दूसरे इलेक्ट्रॉन की ओर लाने पर निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा
वै त क्षेत्र $E$, $X - $ दिशा में है। यदि $0.2\,C$ के आवेश को $X$-अक्ष के साथ $60^\circ $ का कोण बनाने वाली रेखा पर $2$ मीटर दूर तक चलाया जाये, तो कार्य का मान $4$ जूल है। $E$ का मान ......$N/C$ है
दो समान बिन्दु आवेश $x-$अक्ष पर $x = - a$ तथा $x = + a$ पर स्थिर है। अन्य बिन्दु आवेश $Q$ को मूल बिन्दु पर रखा गया है। जब इसे $x$-अक्ष के अनुदिश अल्प दूरी $x$ तक विस्थापित किया जाता है, तो $Q$ की विद्युत स्थतिज ऊर्जा में परिवर्तन अनुक्रमानुपाती होगा, लगभग
चार सर्वसम आवेश प्रत्येक का मान $ + \,50\,\mu C$ है, $2\,m$ भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर एक-एक आवेश रखा जाता है। $ + \,50\,\mu C$ के एक अन्य आवेश को अनन्त से वर्ग के केन्द्र तक लाने के लिये आवश्यक बाह्य ऊर्जा.....$J$ होगी
(दिया गया है $\frac{{\rm{1}}}{{{\rm{4}}\pi {\varepsilon _{\rm{0}}}}} = 9 \times {10^9}\,\frac{{N{m^2}}}{{{C^2}}}$)