दो समान बिन्दु आवेश $x-$अक्ष पर $x = - a$ तथा $x = + a$ पर स्थिर है। अन्य बिन्दु आवेश $Q$ को मूल बिन्दु पर रखा गया है। जब इसे $x$-अक्ष के अनुदिश अल्प दूरी $x$ तक विस्थापित किया जाता है, तो $Q$ की विद्युत स्थतिज ऊर्जा में परिवर्तन अनुक्रमानुपाती होगा, लगभग
$x$
${x^2}$
${x^3}$
$1/x$
एक बिन्दु आवेश $q$ को $r$ त्रिज्या वाले एक वृत्त में $Q$ आवेश के चारों ओर घुमाने में किया गया कार्य होगा
यदि $H _{2}$ अणु के दो में से एक इलेक्ट्रॉन को हटा दिया जाए तो हमें हाइड्रोजन आणविक आयन $\left( H _{2}^{+}\right)$ प्राप्त होगा। $\left( H _{2}^{+}\right)$ की निम्नतम अवस्था ( ground state) में दो प्रोटॉन के बीच दूरी लगभग $1.5\, \AA$ है और इलेक्ट्रॉन प्रत्येक प्रोटॉन से लगभग $1\, \AA$ की दूरी पर है। निकाय की स्थितिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए। स्थितिज ऊर्जा की शून्य स्थिति के चयन का उल्लेख कीजिए।
दो एकसमान धनावेश प्रत्येक $ 1\,\mu C$ वायु में एक दूसरे से $1\, m$ की दूरी पर स्थित है। इस निकाय की स्थितिज ऊर्जा होगी
एक धातु में इलेक्ट्रानों का माध्य मुक्त पथ $4 \times 10^{-8} \;m$ है। वह विद्युत-क्षेत्र जो धातु में किसी इलेक्ट्रॉन को औसत रूप में $2\;eV$ की ऊर्जा प्रदान कर सके, $V/m$ की मात्रकों में होगा
एक मूल कण जिसका द्रव्यमान $m$ व आवेश $ + \,e$ है को $v$ वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश $Ze$ (जहाँ $Z > 0$) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी