जब कोई विद्युत आवेशित कण एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है तो इसकी गतिज ऊर्जा
नियत रहती है
बढ़ती है
घटती है
शून्य हो जाती है
यदि एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की लम्बवत् दिशा में $v$ वेग से एक प्रोटॉन प्रक्षेपित किया जाता है तथा एक इलेक्ट्रॉन बल रेखाओं की दिशा में प्रक्षेपित किया जाता है तो
एक पतली धातु शीट पृष्ठ के लम्बवत रखी है और चित्र में दिखाई दिशा में वेग $'v'$ से एक समान चुम्बकीयक्षेत्र $B$ में चल रही है। चुम्बकीय-क्षेत्र इस समतल पृष्ठ में प्रवेश कर रहा है। यदि इस शीट की बाईं और दाईं सतहों पर क्रमशः पृष्ठ-आवेश-घनत्व $\sigma_{1}$ तथा $\sigma_{2}$ प्रेरित होते हैं, तब उपांत-प्रभाव को नगण्य मानते हुए $\sigma_{1}$ तथा $\sigma_{2}$ के मान होंगे
एक आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में गति करते समय परिणामी बल अनुभव करता है
एक आवेशित कण एक समरुप चुम्बकीय क्षेत्र में गति करता है। किसी क्षण पर कण का वेग चुम्बकीय क्षेत्र के साथ न्यून कोण बनाता है। कण का पथ होगा
पूर्व की ओर गति करता हुआ एक आवेशित कण ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर कार्यरत किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है तो