एक आवेशित कण एक समरुप चुम्बकीय क्षेत्र में गति करता है। किसी क्षण पर कण का वेग चुम्बकीय क्षेत्र के साथ न्यून कोण बनाता है। कण का पथ होगा

  • A

    एक सरल रेखा

  • B

    एक वृत्त

  • C

    समरुप पिच की कुण्डलिनी (Helix

  • D

    असमान पिच की कुण्डलिनी (Helix)

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एक इलेक्ट्रॉन पूर्व की दिशा में क्षैतिज गति कर रहा है। ऊध्र्वाधर नीचे की ओर कार्यरत एक चुम्बकीय क्षेत्र, इस इलेक्ट्रॉन पर निम्न दिशा में बल आरोपित होगा

साइक्लोट्रॉन में धनायन की अधिकतम गतिज ऊर्जा है

एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $+e$) एवं एक $\alpha  - $कण (द्रव्यमान $4m$ तथा आवेश $+2e$) समान ऊर्जायुक्त हैं। इन्हें एकसार चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र की दिशा के लम्बवत प्रवेश कराया जाता है, तो निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है

एक इलेक्ट्रॉन एक ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करता है, जहाँ स्थिर विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र के मान क्रमश: $20\, N/C$ एवं $5$ टेसला हैं। यदि इलेक्ट्रॉन बिना विचलन के गुजर जाता है, तो इलेक्ट्रॉन का वेग.......$m{s^{ - 1}}$ होगा

एक प्रोटॉन एवं एक अल्फा कण को अलग-अलग एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रक्षेपित किया जाता है। इन कणों के प्रारम्भिक वेग चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् हैं। यदि दोनों कण चुम्बकीय क्षेत्र के चारों ओर बराबर त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर चक्कर लगायें तो प्रोटॉन व अल्फा कण के संवेगों का अनुपात $\left( {\frac{{{P_p}}}{{{P_a}}}} \right)$ होगा