पृथ्वी का उसकी अक्ष के परित: कोणीय वेग क्या होना चाहिए ताकि भूमध्य रेखा पर किसी व्यक्ति का भार $\frac{3}{5}$ गुना हो जाये। भूमध्य रेखा पर पृथ्वी की त्रिज्या $6400$ किलोमीटर है
$7.4 \times {10^{ - 4}}\,rad/\sec $
$6.7 \times {10^{ - 4}}\,rad/\sec $
$7.8 \times {10^{ - 4}}\,rad/\sec $
$8.7 \times {10^{ - 4}}\,rad/\sec $
अन्तरिक्ष यानों में पृथ्वी की परिक्रमा करते समय भारहीनता अनुभव होने का कारण हैअन्तरिक्ष यानों में पृथ्वी की परिक्रमा करते समय भारहीनता अनुभव होने का कारण है
यदि पृथ्वी की त्रिज्या सिकुड़कर वर्तमान की आधी रह जाए जबकि द्रव्यमान नियत रहे तब गुरुत्वीय त्वरण का नया मान होगा
चन्द्रमा का द्रव्यमान $7.34 \times {10^{22}}$ किग्रा तथा गुरुत्वीय त्वरण का मान $1.4\,$ मी/सैकण्ड $^{2}$ है। चन्द्रमा की त्रिज्या होगी $(G = 6.667 \times {10^{ - 11}}\,N{m^2}/k{g^2})$
पृथ्वी को एकसमान द्रव्यमान घनत्व का गोला मानते हुए, यदि किसी पिण्ड का भार धरातल पर $200 \mathrm{~N}$ है, तो धरातल से $d=\frac{R}{2}$ की गहराई पर इसका भार होगा (दिया है, $\mathrm{R}=$ पृथ्वी की त्रिज्या):
एक पिण्ड को धरातल के ऊपर $\frac{5}{4}\,R$ की दूरी तक ले जाया गया जहाँ पृथ्वी की त्रिज्या $R =6400\,km$ है। पिण्ड के भार मे आयी प्रतिशत कमी होगी: