समान द्रव्यमान $m$ के दो पदार्थो $A$ व $B$ को $6 \,cal \,s{^{-1}}$ की दर से गर्म किया जाता है। दोनों पदार्थो के लिए अन्य परिस्थतियाँ समान हैं। दोनों के लिए ताप-समय वक्र को चित्र में प्रदर्शित किया गया है। पूर्ण गलन के लिए अवशोषित ऊष्मा अनुपात ${H_A}/{H_B}$ है
$\frac{9}{4}$
$\frac{4}{9}$
$\frac{8}{5}$
$\frac{5}{8}$
चित्र में दर्शाया गया ग्राफ प्रदर्शित करता हैं
पानी पर दाब बढ़ाए तो यह उबलेगा $100°C$ से
धातु की एक गेंद एवं अत्यंत तनी स्प्रिंग एक ही पदार्थ के बने हैं तथा इनके द्रव्यमान समान हैं। इन्हें इतना गर्म किया जाता है कि ये पिघलने लगते हैं, तो आवश्यक गुप्त ऊष्मा का मान होगा
$4°C$ पर स्थित एक $3.5\, kg$ की एक स्थिर वस्तु को $2000\, m$ की ऊँचाई से एक $0°C$ पर स्थित हिम पर्वत पर गिराया जाता है। यदि हिम खण्ड से टकराने से ठीक पूर्व वस्तु का ताप $0°C$ हो एवं वस्तु टकराने के तुरन्त बाद विराम में आ जाती है। तब वस्तु द्वारा कितनी बर्फ पिघला दी जाएगी $(g = 10\,m/{s^2})$ एवं (बर्फ की गुप्त ऊष्मा $ = 3.5 \times {10^5}\,joule/\sec $)
$2.5 \,kg$ द्रव्यमान के ताँबे के गुटके को किसी भट्ठी में $500{ }^{\circ} C$ तक तप्त करने के पश्चात् किसी बड़े हिम-ब्लॉक पर रख दिया जाता है। गलित हो सकने वाली हिम की अधिकतम मात्रा क्या है ? ताँबे की विशिष्ट ऊष्मा धारिता $=0.39\; J g ^{-1} K ^{-1}$ : बर्फ की संगलन ऊष्मा $=335\; J g ^{-1})$ ।