दो छोटी गेंदें जिनमें प्रत्येक पर $ + Q$ कूलॉम धन आवेश है, एक स्टैण्ड के हुक से बराबर लम्बाई $L$ मीटर की दो विद्युतरोधी डोरियों से लटकाई गई हैं। इस समायोजन को एक उपग्रह में रखकर अंतरिक्ष में जहाँ गुरुत्वाकर्षण नहीं है, ले जाया जाता है। दोनों डोरियों के बीच कोण तथा डोरियों में तनाव होगा
${180^o},\,\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{{Q^2}}}{{{{(2L)}^2}}}$
${90^o},\,\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{{Q^2}}}{{{L^2}}}$
${180^o},\,\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{{Q^2}}}{{2{L^2}}}$
${180^o},\,\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{{Q^2}}}{{{L^2}}}$
निम्न में से गलत कथन चुनें। कूलॉम का नियम उस विद्युत बल को सही परिभाषित करता है, जो
दो इलेक्ट्रानों के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल और स्थिरवैद्युत प्रतिकर्षण बल के अनुपात का मान लगभग कितना होता है? (गुरुत्वाकर्षण नियतांक $=6.7 \times 10^{-11} \,Nm ^2 / Kg ^2$, इलेक्ट्रान का द्रव्यमान $=9.1 \times 10^{-31} \,kg$. इलेक्ट्रान का आवेश $=1.6 \times 10^{-19} C$ )
दो धन-आयनों के बीच की दूरी $d$ है और प्रत्येक पर $q$ आवेश है। यदि इन दो आयनो के बीच का प्रत्याकर्षण बल $F$ हो तो, प्रत्येक आयन में से कितने इलेक्ट्रॉन लुप्त (अविद्यमान) हैं। $(e$ -एक इलेक्ट्रॉन का आवेश है )
$(a)$ "किसी वस्तु का वैध्यूत आवेश क्वांटीकृत है," इस प्रकथन से क्या तात्पर्य है?
$(b)$ स्थूल अथवा बड़े पैमाने पर वैध्यूत आवेशों से व्यवहार करते समय हम वैध्यूत आवेश के क्वांटमीकरण की उपेक्षा केसे कर सकते हैं?
दो बिन्दु आवेशों को हवा में एक निश्चित दूरी $r$ पर रखा जाता है। ये एक-दूसरे की ओर $F$ बल लगाते हैं। तब दूरी $r'$ जिस पर ये आवेश परावैद्युत नियतांक $k$ के माध्यम में समान बल लगाते है, है