दो छोटी गेंदें जिनमें प्रत्येक पर $ + Q$ कूलॉम धन आवेश है, एक स्टैण्ड के हुक से बराबर लम्बाई $L$ मीटर की दो विद्युतरोधी डोरियों से लटकाई गई हैं। इस समायोजन को एक उपग्रह में रखकर अंतरिक्ष में जहाँ गुरुत्वाकर्षण नहीं है, ले जाया जाता है। दोनों डोरियों के बीच कोण तथा डोरियों में तनाव होगा

  • [IIT 1986]
  • A

    ${180^o},\,\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{{Q^2}}}{{{{(2L)}^2}}}$

  • B

    ${90^o},\,\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{{Q^2}}}{{{L^2}}}$

  • C

    ${180^o},\,\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{{Q^2}}}{{2{L^2}}}$

  • D

    ${180^o},\,\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{{Q^2}}}{{{L^2}}}$

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जाँच द्वारा सुनिश्चित कीजिए कि $k e^{2} / G m_{e} m_{p}$ विमाहीन है। भौतिक नियतांकों की सारणी देखकर इस अनुपात का मान ज्ञात कीजिए। यह अनुपात क्या बताता है?

दो प्रत्येक $1$ कूलॉम आवेशों को $1$ किमी की दूरी पर रखने से उनके मध्य लगने वाला बल होगा

$1\,\mu C$ के अनन्त आवेश $x$-अक्ष पर $x = 1, 2, 4, 8, ....\infty$ स्थितियों पर रखे हैं। यदि $1\,C$ का आवेश मूल बिन्दु पर स्थित हो तो इस पर आरोपित कुल बल.....$N$ होगा

कल्पना कीजिये कि एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रान के आवेश में अल्प अन्तर होता है। इनमें से एक $- e$ है और दूसरा $( e +\Delta e )$ है। यदि एक दूसरे से $^{\prime} d ^{\prime}$ दूरी पर रखे हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के बीच ( जहाँ $d$ परमाणु के साइज से बहुत अधिक है ) स्थिर वैधुत बल और गुरूत्वीय बल का परिणामी ( नेट) शून्य है तो, $\Delta e$ की कोटि होगी :

(दिया है, हाइड्रोजन का द्रव्यमान $m _{ h }=1.67 \times 10^{-27}$ $kg)$

  • [NEET 2017]

$40$ स्थैतिक कूलॉम बिन्दु आवेश से $2$ सेमी की दूरी पर भू-संयोजित धातु की बड़ी प्लेट रखी गई है, तो बिन्दु आवेश पर लगने वाला आकर्षण बल .........डाइन है