दो बिन्दु आवेश $-Q$ और $+Q / \sqrt{3} xy$-समतल पर क्रमशः मूल बिन्दु $(0,0)$ तथा एक बिन्दु $(2,0)$ पर रखे हैं, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। इसके फलस्वरूप $xy$-समतल पर त्रिज्या $R$ तथा विभव $V =0$ का एक समविभव (equipotential) वृत्त बनता है जिसका केन्द्र $(b, 0)$ है। सभी लम्बाईयों की इकाई मीटर (meter) में है।
($1$) $R$ का मान. . . . मीटर है।
($2$) $b$ का मान. . . .मीटर है।
दिये गए सवाल का जवाब दीजिये ($1$) और ($2$)
$1.70,5$
$1.75,4$
$1.73,3$
$1.76,6$
समान साइज की $27$ बूंदे प्रत्येक $220$ वोल्ट पर आवेशित होती है। वे मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती है। बड़ी बूंद के विभव की गणना कीजिए। (वोल्ट में)
किसी वर्ग के चार कोनों पर बिन्दु आवेश $-Q,-q, 2 q$ तथा $2 Q$ क्रमशः रखे गये हैं। $Q$ तथा $q$ के बीच क्या संबंध होना चाहिये, ताकि वर्ग के केन्द्र पर विभव शून्य हो जाए :
एक आवेश $+q$ को $r$ त्रिज्या वोल एक पतले वलय जिसका रेखीय आवेश घनत्व $\lambda=q \sin ^2 \theta /(\pi r)$ है, पर वितरित किया जाता है। वलय $x-y$ तल में है और $x$-अक्ष से $\vec{r}$ एक कोण $\theta$ बनाता है। बिन्दु आवेश $+Q$ को वलय के केन्द्र से अनंत तक विस्थापित करने में वैद्युत बल द्वारा किया गया कार्य निम्न के बरावर है।
दो आवेश $12\,\mu C$ एवं $ - 6\,\mu C$, वायु में एक दूसरे से $20$ सेमी. की दूरी पर रखे हैं। आवेशों को जोड़ने वाली रेखा पर आवेशों के बाहर किसी बिन्दु $P$ पर यदि परिणामी विभव शून्य है तो बिन्दु $P$ की $ - 6\,\mu C$ आवेश से दूरी ....मीटर होगी
एक बिन्दु आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विभव का मान होगा