${m_A}$ व ${m_B}$ द्रव्यमान के दो कण $A$ व $B$, जिन पर समान आवेश हैं, एक समतल में गतिमान हैं। इस समतल के लम्बवत् एक, समरूप चुम्बकीय क्षेत्र कार्यरत है। कणों के वेग क्रमश: ${v_A}$ एवं ${v_B}$ है एवं पथों को चित्र में दिखाया गया है। तब
${m_A}{v_A} < {m_B}{v_B}$
${m_A}{v_A} > {m_B}{v_B}$
${m_A} < {m_B}\,\,{\rm\,{and }}\,\,{v_A} < {v_B}$
${m_A} = \,{m_B}\,{\rm\,{and \,}} {v_A} = {v_B}$
$m$ द्रव्यमान एवं $q$ आवेश का एक इलेक्ट्रॉन $v$ वेग से $r$ त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग में एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र $B$ के लम्बवत् गति कर रहा है। यदि इलेक्ट्रॉन की चाल को दो गुना एवं चुम्बकीय क्षेत्र को आधा कर दिया जाये तब वृत्ताकार मार्ग की त्रिज्या हो जायेगी
एक $50\, keV$ गतिज ऊर्जा का ड्यूट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow B $ के तल के लम्बवत् $0.5$ मीटर त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा निर्मित करता है तो उस प्रोट्रॉन की गतिज ऊर्जा जो इसी तल $B$ में $0.5$ मीटर त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा निर्मित करता है,......$keV$
$m$ द्रव्यमान एवं $q$ आवेश का एक आवेशित कण $B$ तीव्रता के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में $r$ त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर गतिमान है। वृत्ताकार पथ पर चक्कर लगाने की आवृत्ति होगी
हॉल प्रभाव की स्थिति में, $Q$ आवेश एवं $A$ अनुप्रस्थ काट वाली पट्टिका पर कार्यरत लॉरेन्ज बल है
विभवान्तर $' V ^{\prime}$ द्वारा त्वरित, एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $m$ ), किसी अनुप्रस्थ एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ से होकर तीव्र चाल से गुज़रता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र $' d '$ चौड़ाई तक विस्तरित है। यदि, यह प्रोटॉन, चुम्बकीय क्षेत्र के कारण अपनी गति की प्रारंभिक दिशा से $' \alpha '$ कोण से विचलित हो जाता है (आरेख दे खिये) तो, $\sin \alpha$ का मान होगा :