$10\, C$ समान आवेश के क्रमश: $20\,cm$ और $15\,cm$ त्रिज्या के दो विद्युत रोधित गोलों को एक ताँबे के तार से जोड़कर फिर अलग कर लिया जाता है तो
दोनों गोलों पर वही आवेश $10\,C$ होगा
$20\,cm$ के गोले का पृष्ठीय आवेश घनत्व $15\,cm$ के गोले के पृष्ठीय आवेश घनत्व की तुलना में अधिक होगा
$15\,cm$ के गोले का पृष्ठीय आवेश घनत्व $20\,cm$ के गोले के पृष्ठीय आवेश घनत्व की तुलना में अधिक होगा
दोनों गोलों पर पृष्ठीय आवेश घनत्व समान होगा
बिन्दु आवेश $100\,\mu C$ के कारण इससे $9$ मीटर की दूरी पर विद्युत विभव होगा
$R$ त्रिज्या के गोलीय चालक के केन्द्र से $R/2$ दूरी पर विभव होगा
${q_1} = 2\,\mu C$ और ${q_2} = - 1\,\mu C$ के दो बिन्दु आवेश क्रमश: $x = 0$ और $x = 6$ बिन्दुओं पर स्थित हैं। विद्युत विभव निम्नलिखित बिन्दुओं पर शून्य होगा
एक कुचालक वलय जिसकी त्रिज्या $0.5\,m$ है तथा जिस पर आवेश $1.11 \times {10^{ - 10}}\,C$ है। आवेश वलय पर असमान रूप से वितरित है तथा इसके कारण विद्युत क्षेत्र $\vec E$ उत्पन होता है रैखिक समाकलन $\int_{l = \infty }^{l = 0} {\, - \overrightarrow E .\overrightarrow {dl} }$ का वोल्ट में मान है ($l=0$, वलय का केन्द्र)
x-अक्ष पर प्रत्येक बिन्दुओं $x = {x_0},\,x = 3{x_0},\,x = 5{x_0}$.....$\infty$ पर आवेश q रखा है एवं बिन्दुओं $x = 2{x_0},\,x = 4{x_0},x = 6{x_0}$, …$\infty$ पर दूसरा आवेश -q रखा है, यहाँ ${x_0}$ धनात्मक नियतांक है। यदि किसी आवेश $Q$ से $r$ दूरी पर विभव का मान $Q/(4\pi {\varepsilon _0}r)$ हो तो उपरोक्त आवेशों के निकाय के कारण मूल बिन्दु पर विभव होगा