एक धातु में इलेक्ट्रानों का माध्य मुक्त पथ $4 \times 10^{-8} \;m$ है। वह विद्युत-क्षेत्र जो धातु में किसी इलेक्ट्रॉन को औसत रूप में $2\;eV$ की ऊर्जा प्रदान कर सके, $V/m$ की मात्रकों में होगा
$8 \times 10^7$
$5 \times 10^7$
$5 \times 10^{-11}$
$8 \times 10^{-11}$
एक प्रोटॉन $50,000\, V$ से त्वरित किया गया है, इसकी ऊर्जा में वृद्धि है
इस प्रश्न में दो कथन हैं, कथन$-1$ तथा कथन$-2$। इन कथनों के बाद दिये गये चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन कीजिए जो इन प्रकथनों का सर्वोत्तम वर्णन करता है।
कथन$-1 :$ बिन्दु $P$ से, बिन्दु $Q$, तक एक आवेशित कण की गति से, कण पर एक स्थिर विद्युत क्षेत्र द्वारा परिणामी किया गया कार्य, बिन्दु $P$ से बिन्दु $Q$ तक जोड़े जाने वाले पथ से स्वतंत्र है।
कथन$-2 :$ एक संरक्षी बल द्वारा एक पिण्ड पर, एक बन्द लूप में गति करने से किया गया परिणामी कार्य शून्य है।
एक कण जिसका द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ है किसी एकसमान विधुत क्षेत्र $E$ में स्थिर है फिर इसे मुक्त कर दिया जाये तो $y$ दूरी चलने के पश्चात इसके द्वारा प्राप्त गतिज ऊर्जा होगी:
एक ऋणात्मक आवेश को पृथ्वी की सतह से ऊपर ले जाने में स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन होगा
दो बिन्दुओं $P$ एवं $Q$ के विभ्नवों को क्रमश: $10\, V$ एवं $-4\, V$ पर बनाए रखा जाता है। $100$ इलेक्ट्रॉनों को $P$ से $Q$ तक गति कराने में किया गया कार्य है