$6$ $\mu C$ के आवेश को $9\, V$ की बैटरी के ऋण सिरे से धन सिरे तक ले जाने के लिए आवश्यक कार्य है

  • A

    $54 × {10^{ - 3}}\,J$

  • B

    $54 × {10^{ - 6}}\,J$

  • C

    $54 × {10^{ - 9}}\,J$

  • D

    $54 × {10^{ - 12}}\,J$

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${C_1}$ धारिता वाले एक संधारित्र को ${V_0}$ वोल्ट पर आवेशित किया गया है। इसमें संग्रहित स्थिर विद्युत ऊर्जा का मान ${U_0}$ है। इसे धारिता ${C_2}$ वाले दूसरे अनावेशित संधारित्र के साथ समान्तर क्रम में जोड़ दिया गया है। इस प्रक्रम में ऊर्जा क्षय होगा

एक संधारित्र की क्षमता $4 \times {10^{ - 6}}$ फैराड है और इसका विभव $100$ वोल्ट है। इसे पूर्ण अनावेशित करने पर व्यय ऊर्जा ........जूल होगी

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एक धारिता $C$ के संधारित्र को विभव $V _{0}$ से आवेशित करके एक दूसरे $\frac{C}{2}$ धारिता के अनावेशित संधारित्र से समांतर क्रम में जोड़ा जाता है। जब आवेश दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाता है, तो इस प्रक्रम में क्षयित ऊर्जा का मान होगा। ($CV _{0}^{2}$ में)

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एक समांतर पट्टीकीय संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी $d$ और प्लेटों का अनुप्रस्थ परिच्छेदित क्षेत्रफल $A$ है। इसे आवेशित कर प्लेटों के बीच का अचर विधुतीय क्षेत्र $E$ बनाना है। इसे आवेशित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा होगी

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दो सर्वसम संधारित्रों की धारिता $C$ है। इनमें से एक को ${V_1}$ विभव तक तथा दूसरे को ${V_2}$ विभव तक आवेशित किया गया है। संधारित्रों के ऋण सिरों को एक साथ जोड़ दिया जाता है। जब धन सिरों को भी जोड़ देंगे तब निकाय की ऊर्जा में हानि होगी

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