किसी स्थान जहाँ नमन कोण $37^{\circ}$ है, पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊध्र्वाधर घटक $6 \times 10^{-5}\,T$ है। उस स्थान पर पृथ्वी के परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा (दिया है $\tan 37^{\circ}=\frac{3}{4}$ )
$8 \times 10^{-5}\,T$
$6 \times 10^{-5}\,T$
$5 \times 10^{-4}\,T$
$1 \times 10^{-4}\,T$
एक कम्पास सुई का चुम्बकीय आघूर्ण $60\, amp × m^2$ है, एवं किसी स्थान पर यह पृथ्वी के भौगोलिक उत्तर की ओर है। यदि इस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $40\, \mu Wb/m^2$, है एवं सुई के द्वारा अनुभव किया गया बल आघूर्ण $1.2 \times {10^{ - 3}}\,N \times m$ है तो इस स्थान पर दिक्पात का कोण ......$^o$ होगा
चुम्बकीय याम्योत्तर से $30^{\circ}$ के कोण पर आभास नति $45^{\circ}$ है। सही नति ज्ञात कीजिए।
यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में किसी छड़ चुम्बक को ऊध्र्वाधर रखकर चुम्बकीय बल रेखायें बनायी जायें तो प्राप्त उदासीन बिन्दुओं की संख्या होगी
$14\, cm$ लम्बा कोई छड़ चुम्बक चुम्बकीय याम्योत्तर में इस प्रकार रखा गया है कि इसका उत्तरी ध्रुव भौगोलिक उत्तरी ध्रुव की ओर इंगित करता है। छड़ चुम्बक के केन्द्र से $18 \,cm$ दूरी पर उदासीन बिन्दु प्राप्त किया गया है। यदि $B _{ H }=0.4 \,G$, हो, तो चुम्बक आघूर्ण होगा। $\left(1\, G =10^{-4} T \right)$
छड़ चुम्बक की निरक्षीय रेखा पर उदासीन बिन्दु मिलते हैं, जब चुम्बक का उत्तरी ध्रुव