निम्न चित्र में एक खोखले बेलनाकार चालक का अनुप्रस्थ परिच्छेद दिखाया गया है। जिसकी आंतरिक त्रिज्या $R$ एवं बाहरी त्रिज्या  $2R$ है। बेलन से समान रूप से वितरित अक्ष के अनुदिश धारा बह रही है। बेलन के अक्ष से $\frac{{3R}}{2}$ की दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

131-36

  • A

    शून्य

  • B

    $\frac{{5{\mu _0}i}}{{72\pi \,R}}$

  • C

    $\frac{{7{\mu _0}i}}{{18\pi \,R}}$

  • D

    $\frac{{5{\mu _0}i}}{{36\pi \,R}}$

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व्यास $2 a$ के एक बेलन में, त्रिज्या $a$ का एक खोखला बेलनीय -कोश है (चित्र देखिये) और दोनों अपरिमित लम्बे हैं। इनकी लम्बाई की दिशा में इनके एक समान धारा-घनत्व $J$ है। यदि बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $\frac{N}{12} \mu_0 a J$ है, तब $N$ का मान क्या है ?

  • [IIT 2012]

$10\, cm$ त्रिज्या की $100$ कसकर लपेटे गए फेरों की किसी ऐसी कुंडली पर विचार कीजिए जिससे $1\, A$ विध्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेन्न का परिमाण क्या है?

प्रत्येक $100$ फेरों वाली दो समान वृत्ताकार कुंडलियों $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{Q}$ की एक समान त्रिज्या $\pi$ सेमी. है। $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{R}$ में धारा क्रमशः $1 \mathrm{~A}$ तथा $2 \mathrm{~A}$ है। $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{Q}$ को उभयनिष्ठ केन्द्र के साथ तथा पारस्परिक लम्बवत तलों के साथ रखा गया है। कुंडलियों के केन्द्र पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field induction) $\sqrt{\mathrm{x}} \mathrm{mT}$ है, जहाँ $\mathrm{x}=$. . . . . . . .  [दिया है $\mu_0=4 \pi \times 10^{-7} \mathrm{TmA}^{-1}$ ]

  • [JEE MAIN 2024]

$r$ त्रिज्या वाली एक वृत्ताकार कुण्डली में धारा $l$ प्रवाहित हो रही है, इनके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ${B_1}$ है। एक दूसरी कुण्डली, जिसकी त्रिज्या $2 r$ है तथा समान धारा $I$ बहती है, एवं इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ${B_2}$ है। ${B_1}$व ${B_2}$ का अनुपात $\frac{{{B_1}}}{{{B_2}}}$ होगा

एक ऊध्र्वाधर तार $Z-X$ तल में है, जिसमें विद्युत धारा $Q$ से $P$ की ओर बह रही है (देखिये चित्र)। धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा मूल बिन्दु $O$ पर होगी