$R$ त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर घूमते हुए उपग्रह का परिक्रमण काल $T$ है। $4R$ त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में घूम रहे एक अन्य उपग्रह का परिक्रमण काल होगा
$4T$
$\frac{T}{4}$
$8T$
$\frac{T}{8}$
वृहस्पति की कक्षीय चाल है
नीचे दो कथन दिये गये है : एक को अभिकथन ($A$) तथा दूसरे को कारण $(\mathrm{R})$ से चिन्हित किया गया है।
अभिकथन ($A$) : चन्द्रमा की पृथ्वी के परितः अपनी कक्षा में कोणीय चाल पृथ्वी की सूर्य के परितः अपनी कक्षा में कोणीय चाल से अधिक होती है।
कारण ($R$) : चन्द्रमा द्वारा पृथ्वी के परितः घूमने में लगा समय पृथ्वी को सूर्य के परितः घूमने में लगे समय से कम होता है।
उपरोक्त कथनों के आलोक में नीचे दिये गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर का चयन कीजिए।
दो ग्रहों की सूर्य से दूरियों का अनुपात $1.38$ है। सूर्य के चारों ओर उनके परिक्रमण कालों का अनुपात होगा
कोई भू-स्थायी उपग्रह पृथ्वी की सतह से $5\, R$ की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। यहाँ $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है। पृथ्वी की सतह से $2 \,R$ की ऊँचाई पर परिक्रमा कर रहे दूसरे उपग्रह का आवर्त काल घंटा में होगा
यदि पृथ्वी की सूर्य से दूरी वर्तमान दूरी की $\frac{1}{4}$ गुनी हो जाए तो एक वर्ष का समय