पृथ्वी की त्रिज्या $R$ के पदों में वह ऊँचाई, जिस पर गुरूत्वीय त्वरण $\frac{g}{9}$ (यहाँ $g=$ पृथ्वी के पृष्ठ पर गुरुत्वीय त्वरण है ) होता है, है
$2R$
$\frac{R}{{\sqrt 2 }}$
$\;\frac{R}{2}$
$\;\sqrt {2R} $
पृथ्वी की सतह के ध्रुवों पर गुरूत्वीय त्वरण $'g'$ है तथा ध्रुवों से जाने वाली अक्ष के सापेक्ष पृथ्वी की कोणीय चाल $\omega$ है। एक वस्तु का भार भूमध्य रेखा पर तथा ध्रुवों से $'h'$ ऊँचाई पर एक कमानीदार तुला द्वारा नापा गया। यदि दोनों भारों का मान बराबर पाया जाता है, तब ऊँचाई $h$ का मान होगा : $( h << R$, जहाँ $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है)
दो ग्रहों के औसत घनत्व समान हैं परन्तु त्रिज्यायें ${R_1}$ तथा ${R_2}$ हैं। यदि इन ग्रहों पर गुरुत्वीय त्वरण क्रमश: ${g_1}$ तथा ${g_2}$ हो, तो
एक ग्रह का द्रव्यमान तथा व्यास, पृथ्वी की संगत राशियों का तीन गुना है। पृथ्वी पर एक सरल लोलक का आवर्तकाल $2\, s$ है। उसी लोलक का ग्रह पर आवर्तकाल होगा।
एक ग्रह अपने अक्ष पर $T$ समय में एक चक्कर काटता है। इस ग्रह की भूमध्यरेखा पर रखे गए एक वस्तु का भार $60^{\circ}$ अक्षांश (latitude) पर रखी गई वस्तु के भार का $f$ वाँ भाग है। यदि ग्रह गोलाकार हो तो ग्रह का घनत्व क्या होगा ?
पृथ्वी के पृप्ठ से कितनी ऊँचार्ई पर गुरुत्वीय विभव और गुरुत्वीय त्वरण $g$ के मान क्रमश: $-5.4 \times 10^{7} J$ $kg ^{-1}$ और $6.0\, ms ^{-2}$ होते हैं ? पृथ्वी की त्रिज्या $6400$ कि.मी. लीजिए