किसी गैस का अवस्था समीकरण निम्न प्रकार दिया जाता है $\left( {P + \frac{a}{{{V^2}}}} \right) = \frac{{b\theta }}{l}$ जहाँ $P$ दाब, $V$ आयतन तथा $\theta $ परम ताप है तथा $a$ व $b$ नियतांक है। $a$ का विमीय सूत्र होगा
$[M{L^5}{T^{ - 2}}]$
$[{M^{ - 1}}{L^5}{T^{ 2}}]$
$[M{L^{ - 5}}{T^{ -1}}]$
$[M{L^{ 5}}{T^{ 1}}]$
एक ट्यूब की लम्बाई $\ell$ तथा त्रिज्या $r$ है। इसमें टॉरपीन का तेल बहता है। ट्यूब के दोनों सिरों का दाबान्तर $p$ है तथा श्यानता गुणांक है
$\eta=\frac{p\left(r^{2}-x^{2}\right)}{4 v l}$
जहाँ ट्यूब के अक्ष से $x$ दूरी पर तेल का वेग $v$ है। $\eta$ की विमायें हैं
$r$ त्रिज्या एवं $l$ लम्बाई की एक नली जिसके सिरे पर दाबान्तर $p$ है, से $\eta $ श्यानता का द्रव बह रहा है, तब प्रति सैकण्ड बहने वाले द्रव के आयतन $V$ के लिये विमीय रुप के संगत सम्बन्ध है
यदि लम्बाई की विमायें ${G^x}{c^y}{h^z}$ से प्रदर्शित की जाती हैं, जहाँ $G,\,c$ और $h$ क्रमश: सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक, प्रकाश का वेग और प्लांक नियतांक हैं, तो