दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के नाभिलम्ब के सिरों के उत्केन्द्र कोण हैं
${\tan ^{ - 1}}\left( { \pm \frac{{ae}}{b}} \right)$
${\tan ^{ - 1}}\left( { \pm \frac{{be}}{a}} \right)$
${\tan ^{ - 1}}\left( { \pm \frac{b}{{ae}}} \right)$
${\tan ^{ - 1}}\left( { \pm \frac{a}{{be}}} \right)$
यदि दीर्घवृत्त के लघु अक्ष की लम्बाई, इसकी नाभियों के बीच की दूरी की आधी है, तो इस दीर्घवत्त की उत्केन्द्रता है :
उस दीर्घवृत्त का समीकरण जिसका केन्द्र $(2, -3)$, एक नाभि $(3, -3)$ और संगत शीर्ष $(4, -3)$ है, होगा
किसी $\theta \in\left(0, \frac{\pi}{2}\right)$ के लिए, यदि अतिपरवलय $x^{2}-y^{2} \sec ^{2} \theta=$ 10 को उत्केन्द्रता, दीर्घवृत्त, $x ^{2} \sec ^{2} \theta+ y ^{2}=5$ की उत्केन्द्रता का $\sqrt{5}$ गुणा है, तो दीर्घवृत्त की नाभिलम्ब जीवा की लम्बाई बराबर है -
यदि दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{18}} + \frac{{{y^2}}}{{32}} = 1$ पर खींची गयी स्पश्री जिसकी प्रवणता $ - \frac{4}{3}$ है, क्रमश: दीर्घ व लघु अक्षों को $A$ व $B$ पर काटती है, तो $\Delta OAB$ का क्षेत्रफल ............... वर्ग इकाई होगा ($O$ दीर्घवृत्त का केन्द्र है)
माना दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{36}+\frac{y^2}{4}=1$ के बिंदु $(3 \sqrt{3}, 1)$ पर स्पर्श रेखा तथा अभिलंब $\mathrm{y}$-अक्ष को क्रमशः बिंदुओं $\mathrm{A}$ तथा $B$ पर मिलते हैं। माना $A B$ को एक व्यास लेकर खींचा गया वृत्त $C$ है तथा रेखा $x=2 \sqrt{5}$, वृत्त $C$ को बिंदुओं $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{Q}$ पर काटती है। यदि वृत्त के बिंदुओं $P$ तथा $Q$ पर स्पर्श रेखाओं का प्रतिच्छेदन बिंदु $(\alpha, \beta)$ है, तो $\alpha^2-\beta^2$ बराबर है