एक ब्लैक होल (black hole) के क्षेत्रफल $A$ को सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक $G$, उसके द्रव्यमान $M$ तथा प्रकाश के वेग $c$ के माध्यम से $A=G^\alpha M^\beta c^\gamma$ के रूप में निरूपित किया जा सकता है। यहाँ
$\alpha=-2, \beta=-2$ और $\gamma=4$
$\alpha=2, \beta=2$ और $\gamma=-4$
$\alpha=3, \beta=3$ और $\gamma=-2$
$\alpha=-3, \beta=-3$ और $\gamma=2$
किसी प्ररूपी दहन इंजन में किसी गैस के अणु द्वारा किए गए कार्य को $W =\alpha^{2} \beta e ^{\frac{-\beta x ^{2}}{ kT }}$ द्वारा निरूपित किया गया है, यहाँ $x$ विस्थापन, $k$ बोल्ट्जमान नियतांक तथा $T$ ताप है। यदि $\alpha$ और $\beta$ स्थिरांक हैं, तो $\alpha$ की विमाएँ होगी।
यदि बल $(F)$, लम्बाई $(L)$ तथा समय $(T)$ को मूल-मात्रक माना जाये तो द्रव्यमान का विमीय सूत्र होगा
एक सरल लोलक पर विचार कीजिए, जिसमें गोलक को एक धागे से बाँध कर लटकाया गया है और जो गुरुत्व बल के अधीन दोलन कर रहा है। मान लीजिए कि इस लोलक का दोलन काल इसकी लम्बाई $(l)$, गोलक के द्रब्यमान $(m)$ और गुर्त्वीय त्वरण $(g)$ पर निर्भर करता है। विमाओं की विधि का उपयोग करके इसके दोलन-काल के लिए सूत्र व्युत्पन्न कीजिए।
$c , G$ तथा $\frac{ e ^{2}}{4 \pi \varepsilon_{0}}$ से बनने वाली एक भौतिक राशि की विमायें वही हैं जो लम्बाई की है। ( जहाँ $c -$ प्रकाश का वेग, $G$ - सार्वत्रिक गुरूत्वीय स्थिरांक तथा $e$ आवेश है $)$ यह भौतिक राशि होगी
किसी वियुक्त निकाय में किसी गैस के अणुओं द्वारा किया गया कार्य $W =\alpha \beta^{2} e ^{-\frac{x^{2}}{\alpha kT }}$ द्वारा निरूपित किया गया है, यहाँ $x$ विस्थापन, $k$-बोल्ट्ज़मान नियतांक तथा $T$ ताप है। $\alpha$ और $\beta$ स्थिरांक हैं। $\beta$ की विमा होंगी।