$A \to B$ का रुपांतरण द्वितीय कोटि गतिज के अन्तर्गत होता है। $ A$ की सान्द्रता दुगनी करने से $B$ के उत्पादन की दर कितनी बढ़ेगी
$1/4$
$2$
$1/2$
$4$
निम्नलिखित अभिक्रिया पर विचार करें
$2 H _2( g )+2 NO ( g ) \rightarrow N _2( g )+2 H _2 O ( g )$
जो कि नीचे दी गयी क्रियाविधि (mechanism) का अनुसरण करती है
$2 NO ( g ) \underset{ k _{-1}}{\stackrel{ k _1}{\rightleftharpoons}} N _2 O _2( g )$
$N _2 O _2( g )+ H _2( g ) \stackrel{ k _2}{\rightleftharpoons} N _2 O ( g )+ H _2 O ( g )$
$N _2 O ( g )+ H _2( g ) \stackrel{ k _3}{\rightleftharpoons} N _2( g )+ H _2 O ( g )$
(तीव्र अभिक्रिया)
(तीव्र अभिक्रिया)
(तीव्र अभिक्रिया)
अभिक्रिया की कोटि. . . . . .है।
अभिक्रिया दर $ = K{[A]^{3/2}}{[B]^{ - 1}}$ के लिये अभिक्रिया की कोटि होगी
डाईमेथिल ईथर वेफ अपघटन से $CH _{4}, H _{2}$ तथा $CO$ बनते हैं। इस अभिक्रिया का वेग निम्न समीकरण द्वारा दिया जाता है-
वेग $=k\left[ CH _{3} OCH _{3}\right]^{3 / 2}$
अभिक्रिया के वेग का अनुगमन बंद पात्रा में बढ़ते दाब द्वारा किया जाता है, अतः वेग समीकरण को डाईमेथिल ईथर के आंशिक दाब के पद में भी दिया जा सकता है। अतः
वेग $=k\left(p_{ CH _{3} OCH _{3}}\right)^{3 / 2}$
हाइड्रोजन परॉक्साइड का उत्प्रेरित विघटन किस कोटि की अभिक्रिया है
निम्नलिखित अभिक्रिया की बल गतिकी के अध्ययन के दौरान नीचे सारणी में दिये गये परिणाम प्राप्त हुए -
$2 A + B \longrightarrow C + D$
प्रयोग | $[ A ] / molL ^{-1}$ | $[ B ] / molL ^{-1}$ | प्रारंभिक दर $/molL$ $^{-1}$ $\min ^{-1}$ |
$I$ | $0.1$ | $0.1$ | $6.00 \times 10^{-3}$ |
$II$ | $0.1$ | $0.2$ | $2.40 \times 10^{-2}$ |
$III$ | $0.2$ | $0.1$ | $1.20 \times 10^{-2}$ |
$IV$ | $X$ | $0.2$ | $7.20 \times 10^{-2}$ |
$V$ | $0.3$ | $Y$ | $2.88 \times 10^{-1}$ |
दी गई सारणी में $X$ तथा $Y$ क्रमश : है