टेसला मात्रक है
चुम्बकीय आघूर्ण का
चुम्बकीय प्रेरण का
चुम्बकीय तीव्रता का
चुम्बकीय ध्रुव शक्ति का
वर्णित हेल्महोल्टज कुंडलियों का उपयोग करके किसी लघुक्षेत्र में $0.75\, T$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किया है। इसी क्षेत्र में कोई एकसमान स्थिरवैध्यूत क्षेत्र कुंडलियों के उभयनिष्ठ अक्ष के लंबवत लगाया जाता है। (एक ही प्रकार के ) आवेशित कणों का $15 \,kV$ विभवांतर पर त्वरित एक संकीर्ण किरण पुंज इस क्षेत्र में दोनों कुंडलियों के अक्ष तथा स्थिरवैध्यूत क्षेत्र की लंबवत दिशा के अनुदिश प्रवेश करता है। यदि यह किरण पुंज $9.0 \times 10^{-5}\, V m ^{-1}$, स्थिरवैध्यूत क्षेत्र में अविक्षपित रहता है तो यह अनुमान लगाइए कि किरण पुंज में कौन से कण हैं। यह स्पष्ट कीजिए कि यह उत्तर एकमात्र उत्तर क्यों नहीं है।
एक आवेशित कण को स्थिर व समरूप विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र में विराम अवस्था से स्वतंत्र किया जाता है। दोनों क्षेत्र एक दूसरे के समान्तर है। कण की गति का मार्ग है
एक प्रोटॉन तथा एक एल्फा कण, किसी एक समान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ के प्रदेश में प्रवेश करते हैं। इनकी गति की दिशा क्षेत्र $B$ के लम्बवत् है। यदि दोनों कणों के लिए वृत्ताकार कक्षाओं की त्रिज्या आपस में बराबर है और प्रोटॉन द्वारा अर्जित की गई गतिज ऊर्जा $1\, MeV$ है तो एल्फा कण द्वारा अर्जित ऊर्जा ......$MeV$ होगी
गुणकफल
$\overrightarrow{\mathrm{F}} =\mathrm{q}(\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})$
$=\mathrm{q} \vec{v} \times\left(\mathrm{B} \hat{i}+\mathrm{B} \hat{j}+\mathrm{B}_{0} \hat{k}\right)$
में, $\mathrm{q}=1$ तथा $\vec{v}=2 \hat{i}+4 \hat{j}+6 \hat{k}$ और
$\overrightarrow{\mathrm{F}}=4 \hat{i}-20 \hat{j}+12 \hat{k}$ के लिए
$\overrightarrow{\mathrm{B}}$ का सम्पूर्ण व्यंजक क्या होगा?
एक $8\, eV$ ऊर्जा का प्रोटॉन एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथ पर गति कर रहा है। एक $a$ कण जो समान चुम्बकीय क्षेत्र में समान पथ पर गति कर रहा है। इसकी ऊर्जा......$eV$ होगी