अशुद्ध कथन ज्ञात कीजिए : गुरुत्वीय त्वरण $‘g’$ का मान घटता है यदि
हम पृथ्वी तल से नीचे पृथ्वी के केन्द्र की ओर जायें
हम पृथ्वी तल से ऊपर की ओर जायें
हम पृथ्वी तल पर भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जायें
पृथ्वी का घूर्णन वेग बढ़ा दिया जाए
पृथ्वी तल से $2\, R$ दूरी पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण किसी वस्तु में त्वरण होगा (पृथ्वी की त्रिज्या $= R$, पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय त्वरण $= g$)
पृथ्वी की सतह से ऊँचाई $h =\frac{ R }{2}( R =$ पृथ्वी की त्रिज्या ) पर गुरूत्वीय त्वरण का मान $g_{1}$ है। यदि पृथ्वी की सतह से गहराई $d$ पर भी इसका मान फिर से $g _{1}$ पाया जाता है, तो $\left(\frac{ d }{ R }\right)$ का मान होगा।
पृथ्वी की सतह पर $g$ का मान $980\,$सेमी प्रति सैकण्ड$^{2}$ है। इसकी सतह से $64$ किलोमीटर ऊँचाई पर $ g$ का मान ........ $cm/{\sec ^2}$ होगा (पृथ्वी की त्रिज्या $R = 6400\,km)$
यदि पृथ्वी की त्रिज्या $2 \%$ सिकुड़ जाए जबकि इसका द्रव्यमान समान रहे, तो पृथ्वी के तल पर गुरूत्व के कारण त्वरण का मान लगभग :