किसी चिकने नत समतल पर द्रव्यमान $M$ दो स्प्रिंग के मध्य में चित्रानुसार रखा हुआ है तथा स्प्रिंगों के दूसरे सिरे दृढ आधारों से जुडे़ हैं। प्रत्येक स्प्रिंग का बल नियतांक $K$ है। यदि स्प्रिंग के भार नगण्य हो तब इस द्रव्यमान की सरल आवर्त गति का आवर्तकाल होगा

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  • A

    $2\pi {\left( {\frac{m}{{2K}}} \right)^{1/2}}$

  • B

    $2\pi {\left( {\frac{{2M}}{K}} \right)^{1/2}}$

  • C

    $2\pi \frac{{Mg\sin \theta }}{{2K}}$

  • D

    $2\pi {\left( {\frac{{2Mg}}{K}} \right)^{1/2}}$

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$k$, $2k$, $4k$ and $8k$.... स्प्रिंग नियतांक वाली अनन्त स्प्रिंगों को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है। संयोजन का प्रभावी स्प्रिंग नियतांक होगा

दो द्रव्यमान $M _{ A }$ तथा $M _{ B }$ को दो तारों, जिनकी लम्बाइयां $L _{ A }$ तथा $L _{ B }$ है, से लटकाने पर सरल आवर्तगतियां करते है। यदि इनकी आवर्तियों में संबंध $f _{ A }=2 f _{ B }$ हो तो

  • [AIPMT 2000]

अभ्यास में, मान लीजिए जब कमानी अतानित अवस्था में है तब पिण्ड की स्थिति $x=0$ है तथा बाएँ से दाएँ की दिशा $x-$ अक्ष की धनात्मक दिशा है । दोलन करते पिण्ड के विस्थापन $x$ को समय के फलन के रूप मे दर्शाइए, जबकि विराम घड़ी को आरंभ $(t=0)$ करते समय पिण्ड,

$(a)$ अपनी माध्य स्थिति,

$(b)$ अधिकतम तानित स्थिति, तथा

$(c)$ अधिकतम संपीडन की स्थिति पर है ।

सरल आवर्त गति के लिए ये फलन एक दूसरे से आवृत्ति में, आयाम में अथवा आरंभिक कला में किस रूप में भिन्न हैं ?

जब एक स्प्रिंग् पर $0.50$ किग्रा का भार लटकाया जाता है तब उसमें विस्थापन $0.20$ मीटर का हो जाता है। यदि इस स्प्रिंग् पर $0.25$ किग्रा का भार लटकाया जाये तो इसके दोलनों की आवृत्ति.... $\sec$ होगी $(g = 10$ मी/सै$^{2}$)

नीचे दिये चित्र में यदि $m$ द्रव्यमान के पिण्ड को विस्थापित कर दें तो इसकी आवृत्ति होगी