द्रव की सतह पर बनने वाली यांत्रिक तरंगें हैं
अनुप्रस्थ
अनुदैध्र्य
ऐंठन तरंगें
अनुप्रस्थ तथा अनुदैध्र्य दोनों
दोंनो सिरों पर परिबद्ध क्षैतिज तनित डोरी पाँचवी गुणवृत्ति समीकरण, $y(x, t)=(0.01 m ) \sin \left[\left(62.8 m ^{-1}\right) x \right] \cos \left[\left(628 s ^{-1}\right) t \right]$ द्वारा कम्पित हो रही है। यदि $\pi=3.14$ मान जाये तब निम्न प्रकथन सही है हैं -
$(A)$ निस्पंदो की संख्या $5$ है।
$(B)$ डोरी की लम्बाई $0.25 \ m$ है।
$(C)$ साम्यावस्था से डोरी के मध्य बिन्दु का अधिकतम विस्थापन $0.01 \ m$ है।
$(D)$ मूल आवृत्ति $100 \ Hz$ है।
एक एकसमान पतली रस्सी जिसकी लम्बाई $12\, m$ और द्रव्यमान $6\, kg$ है ऊर्ध्वाधर लटकी हुई है और इसके निचले सिरे पर $2\, kg$ द्रव्यमान का एक खण्ड लटका हुआ है। इसके निचले सिरे पर $6\, cm$ तरंगदैर्ध्य की एक अनुप्रस्थ तरंगावलि (wavetrain) बनायी जाती है। जब यह रस्सी के ऊपरी छोर पर पहुँचेगी तो इस तरंगावलि का तरंगदैर्ध्य $( cm$ में) होगा।
एक $50\,cm$ लम्बी एवं $10\,g$ द्रव्यमान की रस्सी पर चलने वाली अनुप्रस्थ तरंग की चाल $60\,ms ^{-1}$ है। तार का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल $2.0\,mm ^2$ और इसका यंग गुणांक $1.2 \times 10^{11}\,Nm ^{-2}$ है। तन्यता के कारण इसकी वास्तविक लम्बाई में हुई वृद्धि $x \times 10^{-5}\,m$ है। $x$ का मान है $..............$
क्षैतिज से $30°$ कोण बनाते हुये एक घर्षण विहीन नततल पर कसी हुयी एक घर्षण विहीन एवं हल्की घिरनी से $9.8 \times {10^{ - 3}}kg/{m^3}$ घनत्व का एक तार गुजरता है। दो द्रव्यमान $m$ एवं $M$ तार के दोनों सिरों से जुडे़ हैं इस प्रकार कि $m$ द्रव्यमान नत तल पर स्थित है एवं $M$ द्रव्यमान मुक्त रूप से ऊध्र्वाधरत: लटक रहा है। सम्पूर्ण निकाय संतुलन में है एवं एक अनुप्रस्थ तरंग $100 ms^{-1}$ के वेग से तार में संचरित होती है $m =$ ..... $kg$
द्रव्यमान $m _{1}$ तथा लम्बाई $L$ की कोई एकसमान रस्सी किर्सी दृढ टेक से ऊर्ध्वाधर लटकी है। इस रस्री के मुक्त सिरे से द्रव्यमान $m _{2}$ का कोर्ई गुटका जुड़ा है । रस्सी के मुक्त सिरे पर तरंगदैर्ध्य $\lambda_{1}$ का कोई अनुप्रस्थ स्पन्द उत्पत्र किया जाता है। यदि रस्सी के शीर्प तक पहुँचने पर इस स्पन्द की तरंगदैर्ध्य $\lambda_{2}$ हो जाती है, तब अनुपात $\lambda_{2} / \lambda_{1}$ का मान है