दो प्लेटों $\mathrm{A}$ व $\mathrm{B}$ की ऊष्मा चलाकताएं क्रमशः $84 \mathrm{Wm}^{-1} \mathrm{~K}^{-1}$ तथा $126 \mathrm{Wm}^{-1} \mathrm{~K}^{-1}$ हैं। उनकी मोटाई व पृष्ठ क्षेत्रफल एक समान हैं। वे अपने तलों के साथ संपर्क में रखी है। यदि $\mathrm{A}$ व $\mathrm{B}$ के बाहरी तलों का तापमान क्रमशः $100^{\circ} \mathrm{C}$ तथा $0^{\circ} \mathrm{C}$ है। स्थाई अवस्था में संपर्क तल का तापमान________________${ }^{\circ} \mathrm{C}$ है।

  • [JEE MAIN 2023]
  • A

    $20$

  • B

    $40$

  • C

    $60$

  • D

    $80$

Similar Questions

स्टील एवं ताँबे की दो छड़ों की ऊष्मीय चालकता क्रमशः $K _1$ एवं $K _2$, लम्बाई $L _1$ एवं $L _2$ तथा अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल $A _1$ एवं $A _2$ इस प्रकार हैं कि $\frac{K_2}{K_1}=9, \frac{A_1}{A_2}=2, \frac{L_1}{L_2}=2$ है, तो चित्र में दिखाई गई व्यवस्था के लिए, साम्यावस्था में, स्टील एवं ताँबें की संधि पर तापमान $(T)$ का मान $.........^{\circ}C$ होगा :

  • [JEE MAIN 2022]

उदाहरण चित्र में दर्शाए अनुसार लोहे की किसी छड़ $\left(L_{1}=0.1 m , A _{1}=0.02 m ^{2}, K_{1}=79\right.$ $W m ^{-1} K ^{-1}$ ) को किसी पीतल की छड़ $\left( L _{2}=0.1 m \right.$ $A_{2}=0.02 m ^{2}, K_{2}=109 W m ^{-1} K ^{-1}$ ) के साथ सिरे से सिरे को मिलाकर डाला गया है। लोहे की छड़ तथा पीतल की छड़ के स्वतंत्र सिरों को क्रमश: $373\, K$ तथा $273 \,K$ पर स्थापित किया गया है। $(i)$ दोनों छड़ों की संधि पर ताप, $(ii)$ संयुक्त छड़ की तुल्य ऊष्मा चालकता, तथा $(iii)$ संयुक्त छड़ में ऊष्मा प्रवाह की दर के लिए व्यंजक निकालिए तथा परिकलित कीजिए।

एक ही आकार के दो धात्विक घनों $A$ तथा $B$ को साथ जोड़कर रखा गया है। युग्म के अन्तिम सिरों को चित्र में दर्शाये गये तापमानों पर स्थिर रखा जाता है। यह विन्यास $(Arrangement)$ ऊष्मारोधित $(Thermally\,\, insulated)$ है। धातुओं $A$ तथा $B$ के ऊष्मा चालकता गुणांक क्रमश:  $300\;W/m^\circ C$ तथा $200\;W/m^\circ C$ है, तब स्थायी अवस्था में अन्तरापृष्ठ का तापमान $T $...... $^oC$ है

  • [IIT 1996]

निम्नचित्र में$r_1$ तथा $r_2$ त्रिज्याओं के दो संकेन्द्री गोलों का एक निकाय दर्शाया गया है जिन्हें क्रमश: $T_1$  तथा $T_2$  तापों पर रखा गया है। दोनों संकेन्द्री गोलों के बीच के पदार्थ में ऊष्मा के त्रिज्यीय प्रवाह की दर समानुपाती है

  • [AIEEE 2005]

$1$ मीटर लम्बी एवं $100c{m^2}$ अनुप्रस्थ परिच्छेद वाली धातु की छड़ के एक सिरे का ताप ${100^o}C$ है। यदि धातु के दूसरे सिरे का ताप ${0^o}C$ है तो छड़ से प्रति मिनट प्रवाहित होने वाली ऊष्माओं की मात्रा है (छड़ के पदार्थ का ऊष्मीय चालकता गुणांक $ = 100$ वॉट/मीटर $ \times $ केल्विन