एक काँच के टुकड़े को उच्च ताप तक गर्म करके ठण्डा होने के लिये रखा गया है, यदि वह चटक जाता है, तो इसका मुख्यत: सम्भव कारण होगा
ऊष्मा चालकता कम होना
ऊष्मा चालकता अधिक होना
काँच की विशिष्ट ऊष्मा अधिक है
काँच का गलनांक अधिक है
समान पदार्थ की दो छड़ें, एक अर्द्धवृत्तीय तथा अन्य सीधी, समान अनुप्रस्थ काट वाली हैं। इन्हें चित्रानुसार जोड़ा गया है। बिन्दु $A$ तथा $B$ को विभिन्न ताप पर रखा गया है। अर्द्धवृत्तीय छड़ के अनुप्रस्थ काट से दिये गये समय में संचरित ऊष्मा तथा सीधी छड़ के अनुप्रस्थ काट से संचरित ऊष्मा का अनुपात है
लम्बाई $L$ और एकसमान परिच्छेद क्षेत्रफल $A$ की एक छड़ के दो सिरों को दो तापमानों $T _{1}$ और $T _{2}$ (जबकि $T _{1}> T _{2}$ है ) पर निरन्तर रखा जा रहा है। स्थिर अवस्था में छड़ में से ऊष्मा के स्थानान्तरण की दर, $\frac{d Q}{d t}$ होगी
परिवर्ती अवस्था में छड़ से प्रवाहित ऊष्मा की दर नियंत्रित होती है
दो भिन्न धातुओं की समान प्लेटों को जोड़कर एक प्लेट बनाई जाती है, जिसकी मोटाई प्रत्येक प्लेट की मोटाई से दुगुनी है। यदि प्रत्येक प्लेट का ऊष्मा चालकता गुणांक क्रमश: $2$ इकाई और $3$ इकाई है तो संयोजित प्लेट का ऊष्मा चालकता गुणांक होगा
एक $20$ ओह्य के प्रतिरोध के हीटर द्वारा कमरे का ताप${20^o}C$ नियत रखा जाता है। हीटर को $200$ वोल्ट मेन्स से संयोजित रखकर कमरे का ताप सर्वत्र समान रखा जाता है। ऊष्मा एक काँच की खिड़की से निर्गत होती है। काँच की मोटाई $0.2$ सेमी और क्षेत्रफल $1$ मीं$^2$ है। बाह्य का ताप ........ $^oC$ होगा, यदि कांच की ऊष्मा चालकता $K = 0.2cal/m/^\circ C/sec$ तथा $J = 4.2 J/cal$