निम्न चित्र में एक इलेक्ट्रॉन को $A$ से $B$ के अनुदिश चलाने में विद्युत क्षेत्र के द्वारा किया गया कार्य $6.4 \times {10^{ - 19}}J$ है। यदि ${\phi _1}\;$ एवं ${\phi _2}$ समविभवी सतह हैं, तब विभवान्तर $({V_C} - {V_A})$ ......$V$ होगा

115-754

  • A

    $-4$

  • B

    $4$

  • C

    $0$

  • D

    $64$

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दूरी $2a$ पर दो समान आवेश $q$ रखे हुए हैं और तीसरा आवेश $ - 2q$ उनके मध्यबिन्दु पर रखा हुआ है। इस निकाय की स्थितिज ऊर्जा होगी

यदि तीन आवेश प्रत्येक ‘$q$’ किसी समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर रख दिये जायें तो $l$ सेमी. भुजा वाले इस समबाहु त्रिभुज की कुल स्थितिज ऊर्जा होगी

$100\, V$ विभवान्तर से त्वरित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा होगी

दो बिन्दुओं के मध्य $0.25$ कूलॉम आवेश को चलाने के लिए $4 \times {10^{10}}eV$ ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इन बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर .......$V$ है

$20$ कूलॉम आवेश को $0.2\;cm$ तक लाने में किया गया कार्य $2$ जूल है। दोनों बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर है

  • [AIEEE 2002]