$6$ $\mu F$ धारिता वाले एक संधारित्र का विभव $10\, V$ से $20\, V$ करने पर इसकी ऊर्जा में वृद्धि होगी

  • A

    $12 \times 10^{-6} \,J$

  • B

    $9 \times 10^{-4} \,J$

  • C

    $4 \times 10^{-6}\, J$

  • D

    $4 \times 10^{-9} \,J$

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$C$ धारिता वाले एक समान्तर प्लेट धारित्र को $V$ विभव की बैटरी से समान्तर क्रम में जोड़ा गया है, अब धारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी को एकाएक आधा कर दिया गया। यह मानकर कि दूरी घटाने पर संधारित्र में आवेश वही बना रहा, तो धारित्र को अन्तिम विभव $V$ पर दुबारा आवेशित करने के लिये बैटरी द्वारा दी गई ऊर्जा होगी

संधारित्र के मध्य ऊर्जा रहती है

धारिता $C$ और $C / 2$ के दो संधारित्रों को चित्र के अनुसार $V-$वोल्ट की बैट्री से जोड़ा गया है।

दोनों संधारित्रों को पूर्ण आवेशित करने में किया गया कार्य होगा-

  • [AIPMT 2007]

$50\,\mu F$ धारिता के समान्तर पट्टिका संधारित्र की पट्टिकाओं को $100$ वोल्ट विभव तक आवेशित किया जाता है तथा उन्हें इस प्रकार अलग-अलग कर दिया जाता है कि पट्टिकाओं के बीच की दूरी दुगनी हो जाए। इस क्रिया में कितनी ऊर्जा का क्षय होगा

किसी संधारित्र को एक बैटरी से आवेशित किया जाता है। फिर बैटरी को हटाकर, इस संधारित्र से, समान्तर क्रम में ठीक ऐसा ही एक अन्य अनावेशित संधारित्र जोड़ दिया जाता है। तो, इस प्रकार बने परिणामी निकाय की कुल स्थिर वैधूत ऊर्जा ( पहले संधारित्र की तुलना में) :

  • [NEET 2017]